पुलिसवालों का पंगा: बीच सड़क पर पुलिसवालों ने की आपस में हाथपाई, वर्दी का बीच सड़क पर बना तमाशा

बिलासपुर 3 अगस्त 2024।छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर से खाकी को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है,बताया जा रहा है कि यहां वर्दीधारी पुलिस के जवान सारेराह आपस में लड़ाई ,मारपीट करने लगे जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है,जिसमें पुलिस के जवान एक दूसरे से मारपीट, गालीगलौज करते नज़र आ रहे हैं, बताया जा रहा है कि शुक्रवार की दोपहर जेल चौक पर वर्दीधारी आरक्षकों के बीच कैदी को जेल दाखिल कराने के मामले में जोरदार मारपीट हो गई,शराब के नशे में धुत आरक्षक विष्णु चंद्रा और साथी आरक्षक विनय ठाकुर के बीच हुए इस विवाद ने सड़क पर हंगामा खड़ा कर दिया।

जानकारी के मुताबिक घटना उस समय की है, जब आरक्षक विष्णु चंद्रा और विनय ठाकुर कुछ दिन पहले कैदी की पेशी कोर्ट में कराने गए थे,कोर्ट में विष्णु की तबीयत बिगड़ने पर उसने बेंच पर आराम करने का फैसला किया और विनय को कैदी की पेशी कराने के बाद उसे जगाने को कहा,विनय ने पेशी कराकर कैदी को अकेले ही जेल पहुंचा दिया, विष्णु के जागने पर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया, बताया जा रहा है कि शुक्रवार को कांस्टेबल विष्णु चंद्रा शराब के नशे में था, और उसने विनय को फोन कर पुरानी बात को लेकर बहस छेड़ दी।

जानकारी के मुताबिक उस समय आरक्षक विनय ठाकुर ड्यूटी में था और कैदी की पेशी कराने में व्यस्त था, लेकिन अभद्र भाषा सुनकर वह भी भड़क उठा और सीधे जेल चौक पहुंचा,यहां दोनों के बीच बहस ने मारपीट का रूप ले लिया,वर्दीधारियों के बीच सड़क पर हो रही मारपीट को देखकर लोग वहां रुकने लगे और भीड़ जमा हो गई इधर घटना की सूचना सिविल लाइन थाने को दी गई, एएसआई अमृत साहू अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों आरक्षकों को अलग कर वहां से भेज दिया,घटना का वीडियो किसी ने अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया और थोड़ी देर बाद यह वीडियो सोसल मीडिया पर वायरल हो गया,वीडियो वायरल होते ही वर्दीधारियों के बीच हुई इस मारपीट की चर्चा पूरे इलाके में फैल गई।

दिल्ली में बस्तर के नक्सल पीड़ितों की आवाज़: छत्तीसगढ़ सरकार की विकास योजनाओं और केंद्रीय सरकार के समर्थन पर भरोसा

बताया जा रहा है कि घटना के दौरान जेल चौक पर जाम की स्थिति बन गई थी,सिविल लाइन थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों आरक्षकों को समझाया और ड्यूटी पर वापस भेज दिया,इसके बाद जवानों ने भीड़ को नियंत्रित कर यातायात व्यवस्थित किया,हालांकि, मारपीट की शिकायत किसी ने थाने में नहीं की है, लेकिन वर्दीधारियों के इस व्यवहार ने पुलिस विभाग की छवि पर सवाल खड़े कर दिए है,अब देखना यह है कि इस घटना पर उच्च अधिकारियों की क्या प्रतिक्रिया होती है और क्या कार्रवाई की जाती है।

NW News