मोदी की गारंटी’ हुई पूरी, साय सरकार में किसान हुए खुशहाल,किसानों के खाते में साय सरकार ने की धनवर्षा

 

छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है. खुद सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय माटीपुत्र किसान हैं. आज भी मुख्यमंत्री जब अपने गांव बगिया जाते हैं तो खेती-किसानी में जुटे हुए नजर आते हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय किसानों की परेशानियों को भी भली-भांति समझते हैं और समाधान निकालने की क्षमता भी उनके पास अकूत है. तभी तो प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद न सिर्फ किसानों से ‘मोदी की गारंटी’ के अनुरूप 21 क्विंटल धान की खरीदी साय सरकार ने की बल्कि महज ढाई-तीन महीने में किसानों के लिए कृषक उन्नति योजना लाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी के वादे के मुताबिक समर्थन मूल्य से अंतर की राशि के तौर पर 24.72 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में 13 हजार 320 करोड़ रूपए की राशि का अंतरण भी किया. जिससे पूरे राज्य के किसानों में उत्साह का माहौल है.

बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के कोबिया गांव के किसान शैलेश वर्मा, मोहभट्ठा गांव के विनोद वर्मा, सगोनी के किसान लालसिह वर्मा और महेश कुमार साहू किसानों को खुशहाल बनाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रशंसा कर रहे हैं. इसी तरह बलौदाबाजार जिले के ग्राम करमदा निवासी किसान नागमणी वर्मा ने कहा कि यह योजना बहुत लाभदायक है. धान पर एमएसपी के अलावा लगभग 1 लाख रुपये की अंतर राशि उनके खाते में एकमुश्त जमा हुई. उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग खेती किसानी को बढ़ाने और बच्चों के पढ़ाई में किया.

बाजारों में रौनक

जब किसानों के पास पैसा आता है तो बाजारों में भी रौनकता छा जाती है. साय सरकार आने के बाद जिस तरह किसानों के हित में फैसले हुए. 2 साल का बकाया बोनस किसानों को दिया गया, अंतर की राशि दी गई उससे बाजार में किसानों की परचेजिंग पावर भी बढ़ी है. किसान राशि का उपयोग खेती-बाड़ी के सामान खरीदने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, बेटा-बेटी का शादी ब्याह करने के लिए कर रहे हैं.

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किसानों के खाते में साय सरकार ने की धनवर्षा

छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार का असर हर मोर्चे पर दिखा है. साय सरकार बनने के बाद राज्य के किसानों के बैंक खातों में धन वर्षा हुई है. कृषक उन्नति योजना में राज्य के किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रूपए के मान से अंतर की राशि दी गई है. अंतर की राशि भुगतान के बाद किसानों को धान की प्रति क्विंटल 3100 रूपए की कीमत मिली है. किसानों को धान के प्रति क्विंटल के मान से भुगतान की जा रही यह राशि देश में सर्वाधिक है.

धान के कटोरे में धान किसानों की बल्ले-बल्ले

छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए राज्य के बजट में भी कृषि के साथ-साथ ग्रामीण विकास पर फोकस किया गया. यहां धान और किसान एक-दूसरे के पर्याय हैं. राज्य में करीब 32 लाख हेक्टेयर में धान की बोनी होती है और 24 लाख से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर धान का विक्रय किया है. इस बार 144.92 लाख मीट्रिक टन की समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी किसानों से की गई. किसानों से समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी के एवज में कुल 31,913 करोड़ की राशि भुगतान की गई.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था हुई गतिमान

छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत प्रति क्विंटल 3100 रूपए की राशि मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था भी गतिमान हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि के द्वार खुले हैं. खेती-किसानी को मजबूती मिली है. किसान खेती के आधुनिक तौर तरीको की ओर अग्रसर हो हब हैं. राज्य में व्यापार और वाणिज्य में तेजी आई है, जिससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसका फायदा यहां के लोगों को मिल रहा है. किसानों के साथ-साथ आम लोगों के जनजीवन में तेजी से बदलाव भी आया है.

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किसान हितैषी साय सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार ने किसान हितैषी निर्णय लेते हुए समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की है. साथ ही किसानों को दो साल का बकाया बोनस राशि के रूप में 3716 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी है. इसके अलावा कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूर को साल में 10 हजार रूपए की राशि दी जा रही है.

डबल इंजन की सरकार, खुशियों की बहार

केन्द्र सरकार द्वारा भी छत्तीसगढ़ के 23 लाख से ज्यादा किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ दिया जा रहा है. इस योजना में किसानों को तीन किश्तों में साल में 6 हजार रूपए की राशि केन्द्र सरकार के द्वारा सीधे किसानों के बैंक खातों में दी जा रही है. केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में धान के विपुल उत्पादन को देखते हुए केन्द्रीय पूल में 74 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य भी दिया है

सिंचाई सुविधा पर विशेष जोर

छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है. सौर सुजला योेजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में, जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां भी किसानों के खेतों में इस योजना के माध्यम से सौर सुजला सिंचाई पंप स्थापित कर सिंचाई की व्यवस्था की गई है. राज्य में सिंचाई रकबे में विस्तार के लिए नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है.

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बजट में किसानों खव लिए ‘बहार’

छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है. कृषि विभाग के बजट में बीते वर्ष की तुलना में वर्ष 2024-25 में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. किसानों को सहकारी और ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8500 करोड़ रूपए की साख सीमा छत्तीसगढ़़ सरकार ने तय की है……

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