कोर्ट के इस फैसले से सहायक शिक्षक होंगे मालामाल: 10 साल की सेवा के बाद क्रमोन्नत वेतनमान की याचिका पर सुनवाई के कोर्ट ने दिया था ये फैसला, अवमानना के बाद….

Highcourt News: क्रमोन्नत वेतनमान भुगतान नहीं होने को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की है। इस मामले में 23 सितंबर को होगी। दअसल 10 साल की सेवा के बाद क्रमोन्नत वेतनमान देने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया था। एलबी संवर्ग शिक्षक की याचिका पर छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की डबल बेंच ने क्रमोन्नत वेतनमान देने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के बावजूद भुगतान नहीं किया गया। जिसके बाद अवमानना केस दायर किया गया।

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शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर, ब्लाक रामानुजनगर, जिला सूरजपुर में पदस्थ सहायक शिक्षक सोना साहू ने याचिका दायर की थी। सोना साहू 2005 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर भर्ती हुई थी। पदोन्नति नहीं मिलने के कारण वो एक ही पद पर कार्यरत थीं। एक पद पर 10 वर्ष से अधिक सेवा के आधार पर उन्होंने क्रमोन्नत वेतनमान के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था, लेकिन उनकी याचिका को सिंगल बेंच ने खारिज कर ।

बाद में इस मामले को डबल बेंच में चुनौती दी गयी। सुनवाई के दौरान दलील दी गयी कि, राज्य में इस तरह के एलबी संवर्ग शिक्षकों की संख्या लगभग एक लाख से अधिक है, जिन्हें शासन ने 7 वर्ष की वरिष्ठता में पदोन्नति नहीं दी गयी, लेकिन पदोन्नति के बदले 10 वर्ष में मिलने वाला क्रमोन्नत वेतनमान भी नहीं दिया गया। डबल बेंच में याचिकाकर्ता और शासन दोनों का पक्ष सुनने के बाद सोना साहू को 10 वर्ष की सेवा एक पद पर पूर्ण करने के आधार पर क्रमोन्नत वेतनमान देने का निर्णय छत्तीसगढ़ हाइकोर्ट के डबल बेंच ने पारित किया।

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हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद शासन ने जब सोना साहू को क्रमोन्नत वेतनमान का भुगतान नहीं किया, तो फिर उन्होंने हाइकोर्ट में अवमानना याचिका दायर किया। जिसके बाद जिला पंचायत सूरजपुर ने जनपद पंचायत रामानुजनगर के माध्यम से सोना साहू के पंचायत विभाग के कार्यकाल का 2,87,135 रूपये एरियर्स राशि भुगतान किया। कोर्ट में सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता के वेतन में संशोधन कर 30 अगस्त 2024 को 2,87,135/- रूपये का भुगतान कर दिया गया है।

अब याचिकाकर्ता की वेतन पर्ची स्कूल शिक्षा विभाग को भेज दी गई है, जो नये वेतनमान की सूचना प्राप्त कर एक सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को बकाया राशि का भुगतान कर देंगे। अवमानना के इस मामले को 23 सितम्बर 2024 को भी सुनवाई होगी।

NW News