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SOCIAL MEDIA से अपने बच्चो को रखे दूर …मानसिक बीमारी के साथ हो सकती शारीरिक बीमारियां

पढ़िए हमारी ये खास खबर...

नई दिल्ली 10  फरवरी 2024  सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल से आप दुनिया से और दुनिया आपसे जुड़ जाती है. लेकिन, हम सब जानते हैं कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. सोशल मीडिया भी अपवाद नहीं है. एक बार अगर सोशल मीडिया की लत लग जाए तो दिमागी संतुलन पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. खासकर बच्चों पर. बच्चे इसी दुनिया को सच मान बैठते हैं और डिप्रेशन, बेचैनी जैसी अवस्था में जीने लग जाते हैं.

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सोशल मीडिया के आगमन ने हमारे समाज में जीने के तौर-तरीकों को बदल दिया है. कई हानिकारक प्रभाव भी दिखने लगे हैं. यहां हम सोशल मीडिया के कुछ हानिकारक प्रभावों पर विचार करेंगे.

सोशल मीडिया का असर
मानसिक स्वास्थ्य पर असर: सोशल मीडिया का उपयोग लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है. व्यक्तिगत अवस्थाओं, सामाजिक तनावों और नकारात्मक तरीके से ट्रोलिंग के चलते लोगों का आत्मसम्मान कम हो सकता है. वे डिप्रेशन और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.

समय की बर्बादी: सोशल मीडिया का अधिक उपयोग लोगों के समय को व्यर्थ कर सकता है. लोग अनगिनत घंटे सोशल मीडिया पर गंवा देते हैं जिससे उनकी पढ़ाई, काम और व्यक्तिगत जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

यौन उत्पीड़न: सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न के मामले भी बढ़ रहे हैं. अनधिकृत तरीके से लोगों के यौन निजता को लांघने और उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास सोशल मीडिया पर हो रहे हैं.

असामाजिक गतिविधि : सोशल मीडिया ने असामाजिक गतिविधियों को खूब बढ़ाया है. लोग अपनी व्यक्तिगत बातें और संदेशों को इंटरनेट पर बिना सोचे समझे साझा करते हैं. इससे उनकी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है.

इंस्टाग्राम के जाल में फंसते बच्चे
दर्जनों अमेरिकी राज्यों ने बीते दिनों फेसबुक और इंस्टाग्राम के मालिक मेटा प्लेटफॉर्म पर मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि मेटा प्लेटफॉर्म जानबूझकर ऐसे फीचर्स डिजाइन करते हैं जिससे युवा यूजर्स का मानसिक स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाए. ऐसा युवाओं को अपनी प्लेटफॉर्म की ओर आकर्षित करने के इरादे से ऐसा किया जाता है. कैलिफोर्निया की एक अदालत में 33 राज्यों द्वारा दायर मुकदमे के अनुसार मेटा नियमित रूप से अमेरिकी कानून का उल्लंघन करते हुए 13 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा इकट्ठा करता है. इसमें उनके माता-पिता की सहमति तक नहीं ली जाती है.

सोशल मीडिया दिग्गज पर ये भी आरोप लगाया गया है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म को ‘हेरफेर वाली विशेषताओं’ के साथ डिजाइन किया है जो बच्चों के आत्मसम्मान को कम करने में सक्षम हैं.

मुख्य रूप से, संयुक्त मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि मेटा ने आर्थिक लाभ के लिए अपने प्लेटफार्मों के ‘पर्याप्त खतरों’ के बारे में जनता को बार-बार गुमराह किया है- खासकर बच्चों और युवा वयस्कों को. इसके एक आंतरिक अध्ययन में पाया गया कि 13.5% टीनएज लड़कियों ने कहा कि इंस्टाग्राम ने आत्महत्या के विचारों को बदतर बना दिया है, और, 17% टीनएज लड़कियों ने कहा कि इससे भोजन संबंधी आदतें और बुरी हुई हैं.

कंपनी को इस बारे में पता था कि जब मानसिक स्वास्थ्य और शरीर की छवि के मुद्दों की बात आती है तो टीनएजर्स – विशेष रूप से टीनएज लड़कियों – को नुकसान पहुंचाने की बात प्रमुखता से आ सकती है. टीनएजर्स के बीच सोशल मीडिया का उपयोग लगभग यूनिवर्सल है.

प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में 13 से 17 वर्ष की आयु के लगभग सभी टीनएज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं. इनमें से एक तिहाई का कहना है कि वे ‘लगभग लगातार’ सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं.

 

सोशल मीडिया का दिमागी संतुलन पर असर
सोशल मीडिया इन तरीकों से लोगों के मानसिक संतुलन को बिगाड़ता है-

सोशल कॉम्पैरिज़न: सोशल मीडिया पर हम अक्सर अपने जीवन को दूसरों के साथ तुलना करते हैं और इससे हमारा आत्म-सम्मान कम हो सकता है. लोग अक्सर अपने सोशल मीडिया पर बेहतर और खुश दिखाने का प्रयास करते हैं. यह दूसरों के साथ तुलना में हमें आत्म-संदेह और दुखद भावनाओं का सामना करने के लिए मजबूर करता है.

सोशल मीडिया का प्रभाव: सोशल मीडिया पर नकली सफलताएं और खुद को सबसे बेहतर दिखाने का प्रयास नकारात्मक तनाव और चिंता का कारण बन सकता है.

सोशल आइसोलेशन: जब लोग अधिक समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं तो वे अक्सर अपने असली दुनिया के साथियों से जुदा हो जाते हैं. इससे उनका सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है.

साइबर बुलिंग: सोशल मीडिया पर बुलिंग का खतरा बढ़ जाता है. यह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को ठेस पहुंचा सकता है.

सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान: लोग सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने की चुनौती से गुजर सकते हैं जिससे उनका व्यक्तिगत ध्यान और समय का प्रबंधन प्रभावित हो सकता है.

सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है ताकि आपका मानसिक स्वास्थ्य इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सके. अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग सावधानीपूर्वक और संयम से करें. अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद बनाए रखने का भी प्रयास करें.

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