ट्रेनें रद्द, फिर भी रेलवे मालामाल: नागरिक संघर्ष समिति जनहित याचिका दायर करने की तैयारी में….जानिये रद्द ट्रेनों से किस तरह से यात्रियों की जेब पर पड़ रहा डाका..

रायपुर 3 सितंबर 202। त्योहारी सीजन में भी लगातार ट्रेनों के कैंसिल होने का सिलसिला जारी है। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली कई ट्रेनों को रेलवे ने रद्द कर दिया है। लिहाजा ना सिर्फ लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। अब रेलवे के मनमानी के खिलाफ नागरिक संघर्ष समिति मुहिम छेड़ने की तैयारी में है।

प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया कि विगत 20 दिन से हावड़ा मुम्बई वाया नागपुर की फास्ट और सुपर फास्ट ट्रेनों को अचानक रद्द कर यात्रियों को परेशानी में डालकर उनके जेबो में डाका डालने से बाज नहीं आ रही है ।

उन्होंने कहा कि UPI के नाम पर आरक्षित टिकटों से प्रति टिकट 30 रुपये काट कर कई लाख रुपये लूट चुकी है । उन्होंने सवाल उठाया कि रेल अधिकारियों को मालूम था कि तीसरी और चौथी रेल लाइन का काम जब चालू है तो यात्रियों के रिजर्वेशन ही क्यों किया ? अचानक फास्ट और सुपर फास्ट रेल रद्द होने का संदेश ऑन लाइन टिकट बुक करने वाले यात्रियों को आता है और यात्री रेल रद्द की खबर पाकर आगे के कार्यक्रम क्या करें सोच में पड़ रहा है ।

रद्द रेल्वे टिकट के नाम पर भी रेलवे जमकर वसूली कर रहा है। 30 रुपये की कटौती प्रति टिकट पर की जा रही है। जिसमें दोषी रेलवे अधिकारी खुद है । उन्होंने मांग कि रेलवे को 30 रुपये भी लौटाना चाहिए और यात्रियों को खेद व्यक्त करना चाहिए । लेकिन गम्भीर समस्या पर कोई बोलने वाला नहीं । उन्होंने कहा कि आगे भी रेलवे ऐसा करेगी तो न्यायालय में जनहित याचिका छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति दायर करेगी ।

NW News