VIDEO- बारिश ने खोल दी सिस्टम की पोल : कोरबा में आत्मानंद विद्यायल में बारिश का पानी टपक नही रहा…..बल्कि बरस रहा, VIDEO हुआ वायरल

लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी नही बदली स्कूलों की दशा

कोरबा 26 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ में झमाझम हो रही बारिश ने सिस्टम की पोल खोल दी है। शासन स्तर पर लाख निर्देश जारी कर दिये जाये,लेकिन ग्राउंड जीरों पर हकीकत बद से बदतर ही नजर आती है। ताजा मामला कोरबा के पोढ़ी ब्लाॅक का है। यहां एक साल पहले की हाॅयर सेकेेंडरी विद्यायल को आत्मानंद विद्यायल का दर्जा देकर रेनोवेट किया गया। लाखों रूपये खर्च कर स्कूल को बाहर से तो चमका दिया गया, लेकिन पहली ही बारिश में स्कूल के छत से पानी टपक नही रहा, बल्कि झरने की तरह बह रहा है। स्कूल की इस बदहाली का वीडियों सोशल मीडिया में अब वायरल हो रहा है, जिसने एक बार फिर सिस्टम की पोल खोल दी है।

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गौरतलब है कि सूबे में सरकार के बदलते ही सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रयास एक बार फिर शुरू कर दिये गये है। शासन के सख्त निर्देशों के बाद बकायदा स्थानीय प्रशासन जमीनी स्तर पर जर्जर स्कूलों को सुधारने का दावा भी कर रहा है। लेकिन इन सारे दावों के बीच बारिश की झड़ी ने स्कूलों की गुणवत्ता और सिस्टम की पोल खोलता नजर आ रहा है। दरअसल कोरबा जिला मेें पिछले एक सप्ताह से झमाझम बारिश हो रही है। इस बारिश में शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यायल गुरसिया का एक वीडियों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

वीडियों में देखा जा सकता है कि स्कूल भवन में बकायदा टाईल्स और दीवारों पर चमकदार रंग रोगन किया गया है। लेकिन छत से बारिश का पानी टपकने की बजाये झरने की तरह झर रहा है। जिससे चार कमरों के इस विद्यालय में पानी भरने के कारण शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो गयी। क्षेत्र के स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा स्कूल की बदहाली का वीडियों बनाकर वायरल किया गया है। इस पूरे मामले पर जब स्कूल प्रबंधन से जानकारी चाही गयी, तो उन्होने बताया कि एक साल पहले ही विद्यायल को आत्मानंद विद्यालय का दर्जा दिया गया। जिसके बाद स्कूल का जीर्णोधार किया गया। लेकिन ठेकेदार ने स्कूल भवन के छत की रिपेयरिंग को ही करना जरूरी नही समझा।

यहीं वजह है कि बाहर से चकाचक दिखने वाले इस आत्मानंद विद्यायल भवन की हालत जीर्णोधार होने के बाद भी आज जर्जर सी है। गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नही है, जहां बारिश के कारण स्कूलों का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा हो, ऐसे कई विद्यायल है….जहां आज भी स्कूल के शिक्षक और छात्र बेहतर बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे है। लेकिन जवाबदार अधिकारियों की नजर ऐसे विद्यालयों पर क्यों नही पड़ती, ये सोचने का विषय है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि शासन स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी स्कूलों की बेहतरी के निर्देश पर किस हद तक अमली जामा पहनाया जाता है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

NW News