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कर्मचारियों-शिक्षकों के लिए बजट में क्यों नहीं हुआ कुछ ऐलान ?… सरकार का क्या है कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए प्लान?… पढ़िये ये खबर

रायपुर 7 मार्च 2023। इस बजट में कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए कुछ भी ऐलान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, कर्मचारियों और शिक्षकों की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी। कर्मचारी व शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के लाइव बजट भाषण में अपनी-अपनी मांगों को लिखना शुरू कर दिया। 55 मिनट के भाषण के दौरान हर ऐलान के बाद यही लगता रहा, कि शायद अगला ऐलान कर्मचारियों व शिक्षकों की मांगों को लेकर हुआ। लेकिन बजट में कर्मचारियों व शिक्षकों की मांगों पर कुछ भी नहीं हुआ। …आखिर ऐसा क्यों हुआ ? क्यों बजट में कर्मचारियों व शिक्षकों की मांगों की घोषणा नहीं हुई?…इसका जवाब स्पष्ट हैं।

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क्यों कर्मचारियों की मांगों का बजट में नहीं हुआ ऐलान

दरअसल कर्मचारियों की जितनी भी मांगें अभी मौजूदा वक्त में थी। फिर चाहे बात केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान के अनुरुप HRA की, क्रमोन्नति, वेतन विसंगति की हो, वो सभी स्थापना मंद से संबंधित हैं। स्थापना मद से संबंधित ऐलान मुख्यमंत्री कभी भी कर सकते हैं। बजट में डीए और HRA की घोषणा नहीं होती है। ये बात अलग है कि एक बार समयमान का ऐलान बजट में हुआ था, लेकिन अभी कर्मचारियों की जितनी भी मांगें हैं, वो सभी मांगें बजट से संबंधित मुद्दे नहीं है।वेतन स्थापना मद से निकलता है। एचआरए, डीए एवम् क्रमोन्नति की मांग वेतन स्थापना मद से संबंधित है। लिहाजा बजट में इसकी घोषणा नहीं की गयी है।

कब हो सकता है कर्मचारियों की मांगों पर ऐलान

सूत्र बताते हैं कि जून-जुलाई में कर्मचारियों की मांगों पर फैसला हो सकता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अगर कर्मचारियों व शिक्षकों की किसी मांग के लिए अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी, तो मानसून सत्र के दौरान अनुपूरक बजट लाकर पैसों का प्रावधान किया जायेगा। दरअसल सरकार की मंशा है कि कर्मचारियों की मांगों पर चुनाव के ऐन पहले ऐलान किया जाये, ताकि कर्मचारियों को चुनाव के पहले खुश किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार कर्मचारियों और शिक्षकों की मांगों की सुनवाई तो जरूर करेगी, लेकिन इसके लिए कुछ वक्त अभी है। खबर है कि जून-जुलाई में अनुपूरक बजट में पैसों का प्रावधान कर मांगों पर सरकार फैसला लेगी या फिर जून जुलाई में पहले ऐलान करेगी और फिर उसके बाद बजट में उसका प्रावधान किया जायेगा।

स्कूल शिक्षा

ऽ कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु जारी प्रोटोकॉल के तहत शैक्षणिक संस्थाओं में बच्चों की उपस्थिति पर रोक के कारण प्रारंभिक शिक्षा में अधिगम के स्तर की कमी को देखते हुए विश्व बैंक के समर्थन से चॉक (CHALK) परियोजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का काम किया जायेगा। इसके लिए 04 सौ करोड़ का प्रावधान ।

ऽ प्रदेश की शालाओं में उच्च स्तर की अधोसंरचनात्मक सुविधाएं विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना शुरू की जायेगी। इसके लिए 05 सौ करोड़ का प्रावधान।

ऽ शिक्षकों में पढ़ने-पढ़ाने के उचित कौशल विकास हेतु नवा रायपुर, अटल नगर में राष्ट्रीय स्तर का शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान खोलने के लिए 01 करोड़ का प्रावधान।

ऽ मेडिकल एवं इंजीनियरिंग संस्थानों की प्रवेश परीक्षा के पूर्व कोचिंग हेतु कोटा राजस्थान जाने वाले राज्य के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए कोटा में छात्रावास निर्माण हेतु प्रावधान।

ऽ 07 प्राथमिक शालाओं को पूर्व माध्यमिक शाला में, 08 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में तथा 17 हाई स्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालय में उन्नयन किया जायेगा।

ऽ 13 प्राथमिक शाला, 05 पूर्व माध्यमिक शाला, 10 हाई स्कूल एवं 18 हायर सेकेण्डरी स्कूल के भवन निर्माण हेतु 30 करोड़ का प्रावधान।

ग्रामीण क्षेत्र एवं सामाजिक सुरक्षा
1) शिक्षित बेरोजगारों को ₹2500 प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता
2) राजीव गांधी किसान न्याय योजना (₹ 6800 करोड़)
3) राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का नगर पंचायत क्षेत्रों के लिये विस्तार
4) सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि में 43% की वृद्धि (प्रतिमाह ₹500)
5) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (₹38 करोड़)

शिक्षा एवं स्वास्थ्य

  1. 101 नवीन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय ₹807 करोड़
  2. राज्य में 4 नवीन चिकित्सा महाविद्यालय ₹200 करोड़
  3. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना ₹990 करोड़

मानदेय में वृद्धि

  1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेतु रू. 10,000 प्रतिमाह
  2. मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हेतु रू. 7500 प्रतिमाह
  3. आंगनबाड़ी सहायिका हेतु रू. 5000 प्रतिमाह
  4. मितानीनों के लिए रू. 2200 अतिरिक्त प्रतिमाह
  5. ग्राम कोटवारों के लिए सेवा भूमि के आधार पर रू. 3000, रू. 4500 रू. 5500, रू. 6000 प्रतिमाह
  6. ग्राम पटेलों के लिए रू. 3000 प्रतिमाह
  7. मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत रसोईयों हेतु रू. 1800 प्रतिमाह
  8. विद्यालयों में कार्यरत स्वच्छता कर्मियों हेतु रू. 2800 प्रतिमाह
  9. होमगार्ड जवानों हेतु न्यूनतम रू. 6,300 से अधिकतम रू. 6,420 प्रतिमाह
  10. स्वावलंबी गोठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष हेतु रू. 750 एवं अशासकीय सदस्यों हेतु रू. 500 प्रतिमाह

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