“54 दिन के सुशासन तिहार का अनुभव मेरे जीवन की मूल्यवान धरोहर” मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट पर व्यक्त की भावनाएं, बोले, यह यात्रा यही खत्म नहीं होगी…

रायपुर, 31 मई 2025 । “सुशासन तिहार” की 54 दिवसीय जन सहभागिता यात्रा का समापन धमतरी में हुआ। यह अभियान 8 अप्रैल 2025 को शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना था। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और इस यात्रा को “अपने जीवन की अनमोल थाती” बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के दौरान उन्होंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण कर गांवों में जन चौपाल आयोजित किए, जहां उन्होंने लोगों की समस्याएं सीधे सुनीं और समाधान सुनिश्चित किए। इसके साथ ही, उन्होंने जिला मुख्यालयों पर समीक्षा बैठकें आयोजित कर शासन की योजनाओं की प्रगति का आकलन किया।
8 अप्रैल से शुरू हुए सुशासन तिहार का आज धमतरी में समापन हुआ।
इस दौरान मैंने प्रदेश के 33 जिलों का भ्रमण किया। गांवों में जन चौपाल लगाकर, लोगों से सीधा संवाद किया, उनकी समस्याओं को समझा और समाधान सुनिश्चित किया। जिला मुख्यालयों पर समीक्षा बैठक की। यह अनुभव मेरे जीवन की मूल्यवान…
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) May 31, 2025
योजनाओं का जमीनी निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्कूलों, अस्पतालों, आंगनबाड़ियों, राशन दुकानों, प्रधानमंत्री आवास और निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि “हमारी नीतियां किस प्रकार से आम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं, यह देखकर संतोष हुआ।”
भविष्य के लिए ठोस निर्णय
“सुशासन तिहार” के दौरान स्कूलों के युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस फैसले का प्रदेश के भविष्य पर दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, शिक्षकों की चरणबद्ध भर्ती का भी ऐलान किया गया, जिसके तहत प्रथम चरण में 5,000 शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
पारदर्शी और उत्तरदायी शासन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से मिले सुझाव शासन को और अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और संवेदनशील बनाने में मदद करेंगे। उन्होंने इसे केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक जनभागीदारी का महापर्व बताया, जिसमें शासन सीधे जनता के द्वार तक पहुंचा।
समापन नहीं, निरंतर प्रयास
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती। “सुशासन तिहार के माध्यम से हमने सरकार को जनता के द्वार तक पहुँचाया है, जिससे लोगों का विश्वास और मजबूत हुआ है कि यह सरकार प्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए निरंतर कार्य करती रहेगी।”
इस अभियान ने प्रदेश की राजनीति में जन संवाद की नई मिसाल पेश की है, और यह भविष्य में शासन की कार्यप्रणाली को और अधिक जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।