CGPSC घोटाले में फंसे टामन सिंह सोनवानी पर पूर्व में भी लग चुके हैं भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, जांच के दौरान हुआ था बड़ा खुलासा, ये कार्रवाई भी हुई थी

CG Vidhansabha News: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन टामन सिंह सोनवानी के भ्रष्टाचार का मुद्दा गूंजा। पीएससी चेयरमैन रहते विवादों में घिरे और PSC नियुक्ति में CBI के निशाने पर चल रहे टामन सिंह सोनवानी पर साल 2012-14 के बीच जांजगीर में जिला पंचायत सीईओ रहते भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, जिसमें शासन स्तर पर जांच भी हुई थी। इसी मामले की गूंज आज विधानसभा में भी सुनाई पड़ी। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पूछा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जांजगीर के विरूद्ध वर्ष 2012 से 2014 के बीच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत जांजगीर-चांपा के विरूद्ध महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य योजनाओं में अनियमितता के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कोई जांच की थी?

अजय चंद्राकर ने ये भी पूछा कि, जांच में कौन-कौन से बिन्दु सही पाये गये थे? और क्या इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम-8 के तहत् जांच के लिये सामान्य प्रशासन विभाग को समुचित कार्यवाही के लिये लिखा गया था? अजय चंद्राकर ने इस मामले में जांच अधिकारी, विभागीय प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की भी जानकारी के साथ-साथ कार्रवाई की जानकारी भी मांगी।

इन अधिकारियों ने की थी जांच

जवाब में मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 2805/पं.प्रा.वि.वि./2014, दिनांक 07.08.2014 द्वारा राज्य के ऐसे 9 ग्राम पंचायत जिनके द्वारा वर्ष 2014-15 में जुलाई 2014 तक राशि रूपये एक करोड़ से अधिक व्यय किया गया था। उसकी जांच करने के लिए तीन जांच दल गठित की गयी थी। जांच टीम में जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा विकासखण्ड के 4 तथा पामगढ़ विकासखण्ड के 2 ग्राम पंचायत के जांच के लिए आयुक्त, महात्मा गांधी नरेगा और मुख्य अभियंता एवं राज्य गुणवत्ता समन्वयक, छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क अभिकरण रायपुर को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया था।

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इन बिंदुओं पर हुई थी जांच

जांच मुख्यतया निम्न बिन्दुओं पर की गई :- (1) वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति दिशा-निर्देश एवं स्वीकृत मापदण्डों के अनुरूप किये गये अथवा नहीं ? (2) महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन में विभिन्न स्तर पर परिलक्षित अनियमितताओं में इन ग्राम पंचायतों मालखरौदा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत जांजगीर-चांपा की भूमिका क्या रही ? जांच के दौरान पाया गया कि 6 ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों, जनपद पंचायत मालखरौदा एवं जिला पंचायत के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा योजना के दिशा-निर्देश व शासकीय निर्देशों का खुला उल्लघंन किया गया था। यही नहीं शासकीय राशि का भी दुरूपयोग किया गया था। जांच प्रतिवेदन में प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने वाले अधिकारी द्वारा जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं किये जाने का भी उल्लेख पाया गया था, जो प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुआ था।

12 आरोप टामन सिंह सोनवानी पर लगे थे

प्रकरण में विभाग के आदेश क्रमांक ई 2-01/2016/एक/2, दिनांक 08.02.2017 द्वारा विभागीय जांच आयुक्त, रायपुर जांचकर्ता अधिकारी एवं अपर आयुक्त, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना, रायपुर को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किये गये थे। विभाग द्वारा  टोमन सिंह सोनवानी, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जिला जांजगीर-चांपा के विरूद्ध 12 आरोप अधिरोपित किये गये थे। जांच अधिकारी द्वारा उक्त अधिरोपित आरोपो में से आरोप क्रमांक 9, 10 एवं 11 प्रमाणित पाये गये तथा आरोप क्रमांक 1, 2 एवं 3 आंशिक रूप से प्रमाणित पाये गये और शेष 4, 5, 6, 7, 8 एवं 12 प्रमाणित नहीं पाये गये।

कार्रवाई की हुई थी अनुशंसा

प्रकरण में सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 03.07.2019 के द्वारा टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जिला जांजगीर-चांपा के विरूद्ध एक  वर्ष की अवधि के लिए समय वेतनमान में एक स्तर से निचले स्तर में कटौती, आगे इन निर्देशों के साथ कि सेवा के सदस्य ऐसी कटौती की अवधि के दौरान वेतन वृद्धि अर्जित नहीं करेंगें और इस अवधि की समाप्ति पर, कटौती का उनकी भावी वेतन वृद्धियों को स्थगित करने पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।” किए जाने की शास्ति अधिरोपित की गई थी।

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