बड़ी खबर: PM श्री विद्यालय में भ्रष्टाचार के नगाड़े की गुंज….कमीशनखोरी के लिए अफसरों ने 12 हजार में खरीदा एक नगाड़ा

कोरबा 29 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ में भले ही सरकार बदल गयी हो, ACB और EOW लगातार छापामार कार्रवाई कर रहे हो, लेकिन भ्रष्ट अफसरों को इन सबसे कोई फर्क नही पड़ता। जीं हां भ्रष्टाचार की ऐसी बानगी की मोटी कमीशन की लालच में अफसर दस से बारह गुना दाम पर सामानों की खरीदी करने से भी गुरेज नही कर रहे है। ताजा मामला कोरबा जिले का है,यहां शिक्षा विभाग के अफसरों ने एक हजार रूपये में मिलने वाले नगाड़े को 12 हजार 300 रूपये में खरीदी कर पीएम श्री विद्यायल में सप्लाई करवा दिया गया। सूचना का अधिकार में हुए इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के नगाड़े की गुंज से हड़कंप मचा हुआ है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मेें विष्णुदेव सरकार का गठन होते ही सुशासन और जीरों टाॅलरेंस के दावे किये गये। लेकिन इन सारे दावों पर भ्रष्ट अफसर लगातार पलीता लगाते नजर आ रहे है। कोरबा में शिक्षा विभाग के अफसरों ने केंद्र सरकार की पीएम श्री विद्यायल योजना में सामानों की खरीदी में ही जमकर धांधली कर दी। सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज में पता चलता है कि समग्र शिक्षा के अधिकारियों ने विद्यायल के लिए खरीदे गये म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी में जमकर धांधली की गयी। कोरबा के पीएम श्री एकलव्य विद्यालय से समग्र शिक्षा के जवाबदार अफसरों के द्वारा श्री प्रभात सेल्स के माध्यम से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की सप्लाई करवायी गयी। सूचना के अधिकार में मिले प्रभात सेल्स के बिल में देखा जा सकता है 100 से 200 रूपये में आने वाले बांसुरी को 600 रूपये में सप्लाई किया गया।

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इसी तरह 50 से 100 रूपयें में मिलने वाले खंजरी को 1350 रूपये, 100 से 200 रूपये में मिलने वाले मंजीरा को 1495 रूपये, 200 से 300 रूपये में मिलने वाले झांझ को 1750 रूपये, 800 से 2500 रूपये में मिलने वाले ढोलक को 6900 रूपये में सप्लाई किया गया। इन सबसे इतर होली में बजने वाला नगाड़ा जो कि आम बाजार में 500 से 1500 रूपये में आसानी से मिल जाता है, उसे समग्र शिक्षा के जवाबदार अधिकारियों ने वेंडर के साथ मिली भगत कर 12 हजार 300 रूपये में पीएम श्री विद्यायल में सप्लाई कराया गया है। पीएम श्री विद्यायल में बच्चों को स्थानीय प्रचलित वाद्य यंत्रों की जानकारी और उनके व्यक्तित्व विकास के लिए केंद्र सरकार से प्रत्येक विद्यालय के लिए 75 हजार रूपये का राशि आबंटन किया गया था। लेकिन कोरबा जिला में भ्रष्ट अफसरों ने अपनी कमीशन की भूख मिटाने के लिए प्रधानमंत्री के नाम वाली इस महत्वाकांक्षी योजना में भी सेंध लगाने से बाज नही आये। अब आरटीआई से हुए इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के नगांड़े की गुंज से हड़कंप मचा हुआ है।

पीएम श्री एकलव्य के प्राचार्य ने खरीदी से किया साफ इंकार…..

पीएम श्री एकलव्य विद्यालय छुरी से आरटीआई से मिले दस्तावेज में विद्यालय के प्राचार्य ने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी से साफ इंकार किया है। उन्होने बताया कि उनके विद्यालय को समग्र शिक्षा से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट खरीदी के लिए 75 हजार रूपये आबंटित होेने की जानकारी समग्र शिक्षा के एपीसी के द्वारा दी गयी थी। इसके बाद समग्र शिक्षा से ही वेंडर के माध्यम से उनके विद्यालय में सामानों को भिजवाया गया। चूकि 50 हजार रूपये से उपर की खरीदी पर कोटेशन करने का प्रावधान है। ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि जब विद्यायल प्रबंधन ने कोटेशन किया ही नही, तो फिर वेंडर ने आखिर किसके कहने पर सामानों की सप्लाई विद्यायल में कर दी ? सवाल ये भी कि क्या बगैर कोटेशन के ही सामानों की खरीदी कर अधिकारियों ने वेंडर को पैसों का भुगतान करवा दिया ? सवाल कई है, लेकिन इन सारे सवालों का जवाब निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।

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कलेक्टर के आदेश के 19 दिन बाद भी जांच नही हो सकी पूरी

पीएम श्री विद्यालयों में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी में हुए भ्रष्टाचार के मामले में कलेक्टर अजीत वसंत ने 9 जुलाई को ही तीन सदस्यीय जांच टीम बनाकर जांच के आदेश दिये थे। इस जांच टीम में जिला शिक्षाधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग और जिला कोषालय अधिकारी को शामिल कर जांच का जिम्मा सौंपा गया था। कलेक्टर ने बकायदा एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया था। लेकिन इस भ्रष्टाचार की जांच शुरू होती, उससे पहले ही जांच टीम में शामिल जिला शिक्षाधिकारी ने वेंडर द्वारा गुणवत्ताहीन सामान सप्लाई का दावा कर पैसा वापस जमा करा लेने की जानकारी जिला प्रशासन और मीडिया को जनसंपर्क के माध्यम से दी गयी। लिहाजा कलेक्टर के जांच आदेश के 19 दिन बाद भी आज तक इस भ्रष्टाचार की जांच शुरू नही हो सकी है।

डीएमसी और एपीसी को बचाने डीईओें कर रहे लीपापोती……

पीएम श्री विद्यायल में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट खरीदी में हुए मनमानी और व्याप्त भ्रष्टाचार की अगर सिरे से जांच की जाये, तो कई चौकाने वाले खुलासे होंगे। लेकिन जांच टीम में शामिल जिला शिक्षाधिकारी इस जांच को पूरा करने के पक्ष में नजर नही आ रहे। आपको बता दे कि राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा से जारी आदेश में विद्यायल स्तर पर भंडार क्रय नियमों के तहत सामानों की खरीदी का निर्देश था। लेकिन जिला स्तर पर पीएम श्री विद्यालयों को सामानों की खरीदी का अधिकार ही नही दिया गया। मतलब स्कूल से बगैर कोटेशन कराये सामानों की सप्लाई चहेते वेंडर से करा दी गयी। अब जब आरटीआई से एक बार फिर पीएम श्री विद्यायल में हुए खरीदी में बड़े गड़बड़ झाले का खुलासा खुलासा हुआ है, तो अफसरों के हाथ-पांव फूलने लगे है।

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GST फ्री सामानों पर भी GST जोड़कर ले लिया पेमेंट…..

पीएम श्री विद्यालय में हुए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की खरीदी में एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। केंद्र सरकार द्वारा हाथ से बने वाद्य यंत्रों को जीएसटी के दायरे में नही रखा है। लेकिन पीएम श्री एकलव्य विद्यालय छुरी में प्रभात सेल्स द्वारा सप्लाई किये गये सारे सामानों पर 18 प्रतिशत जीएसटी चार्ज कर ले लिया गया। जबकि जानकारी बताते है कि वेंडर द्वारा स्पलाई किये गये 15 सामानों मेें सिर्फ गिटार और केसियो पर जीएसटी लागू होगा। इसके अलावा अन्य सारे वाद्य यंत्र हैंडमेड होने के कारण उन पर जीएसटी लग ही नही सकता।

पीएम श्री एकलव्य विद्यालय छुरी से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की RTI से प्राप्त बिल काॅपी

कलेक्टर द्वारा गठित जांच टीम और जांच आदेश….

 

 

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