परिसीमन मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई आज भी रही अधूरी, सरकार के जवाब से हाईकोर्ट असंतुष्ट, अब एक सप्ताह बाद होगी…..

बिलासपुर 30 जुलाई 2024। परिसीमन के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई आज भी अधूरी रही। दो दिनों तक लगातार चली सुनवाई अब कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए आगे बढ़ा दी है। जस्टिस पी पी साहू की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से जो जवाब पेश किया गया, उससे कोर्ट असंतुष्ट रहा। हाईकोर्ट ने जवाब को आधा अधूरा माना,  जिसके बाद राज्य सरकार ने जवाब देने के लिए 1 हफ्ते का समय मांगा। आपको बता दें कि बिलासपुर से कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय समेत अन्य ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। बिलासपुर के साथ अन्य नगरीय निकायों से भी याचिका दायर की गयी है। इस मामले में करीब आधा दर्जन से अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी।

राज्य सरकार ने प्रदेशभर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो अधिसूचना जारी किया है, उसमें वर्ष 2011 के जनगणना को आधार माना है। इसी आधार पर परिसीमन का कार्य करने कहा गया है।याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सरकुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है।

जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है।याचिका के अनुसार वर्ष 2011 के बाद जनगणना हुई नहीं है। तो फिर उसी जनगणना को आधार मानकर तीसरी मर्तबे परिसीमन कराने की जरुरत क्यों पड़ रही है।याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से तर्क दिया गया कि जिन स्लम बस्तियों को विस्थापित किया गया है और वहां के निवासियों को अलग-अलग वार्डों में शिफ्ट किया गया है। उनके लिए परिसीमन किया जा रहा है।

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इसमें साल 2011 की जनगणना को आधार नहीं बनाया गया है। जस्टिस पीपी साहू ने कहा कि अर्जेंट मैटर पर सुनवाई चल रही है। तीन दिन पहले सरकारी वकील को याचिका की कॉपी मिल गई है। फिर भी उन्होंने शपथ पत्र के साथ जवाब नहीं दिया है। शासन के जवाब के बाद जब कोर्ट ने पूछा कि क्या केवल उन्हीं वार्डों का परिसीमन किया गया है जहां स्लम बस्ती के लोग रह रहे हैं। इस पर शासन की तरफ से सरकारी वकील कोई जवाब नहीं दे पाए। नाराज कोर्ट ने कहा कि दंतेवाड़ा से जवाब नहीं आया।

यह समझ में आता है, क्योंकि वहां मौसम खराब है और बारिश हो रही है, लेकिन आप लोग तो शहर में हैं। अर्जेंट मैटर की गंभीरता नहीं समझ रहे हैं।बता दें कि बिलासपुर नगर निगम द्वारा वार्डों के किए गए परिसीमन पर आपत्ति दर्ज करते हुए बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक शैलेश पांडेय सहित चार ब्लॉक अध्यक्षों ने याचिका दायर की है।

 

 

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