सीएम हाउस में हरेली की धूम: पारंपरिक पूजा, पकवान, नाचा, देखिये मुख्यमंत्री के साथ छत्तीसगढ़ के हरेली के रंग

रायपुर 4 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के पहले पर्व “हरेली” पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी धर्मपत्नि श्रीमती कौशल्या साय के साथ आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में गौरी-गणेश, नवग्रह की पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया। कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले नांगर, रापा, कुदाल व कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर हरेली त्योहार का शुभारंभ किया। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के किसानों समेत छत्तीसगढ़वासियों की ख़ुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की। पशुधन संरक्षण के संदेश के साथ मुख्यमंत्री ने गाय व बछड़े को लोंदी और चारा खिलाया।

मुख्यमंत्री ने सपरिवार हरेली तिहार में की पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय में आज परंपरागत रूप से छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार हरेली परिवार व आमजनों संग धूमधाम से मनाया जा रहा है।    मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय एवं परिजनों के साथ विधिवत रूप से तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों, गेड़ी की पूजा कर अच्छी फसल, किसानों और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।    छत्तीसगढ़ की परंपराएं और संस्कृति मुख्यमंत्री निवास में पूरी तरह से जीवंत हो उठीं। हरेली, जो कि छत्तीसगढ़ का पहला और सबसे प्रमुख त्यौहार है, इसे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सपरिवार और आमजन के साथ धूमधाम से मना रहे हैं।  मुख्यमंत्री निवास को छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश में ढालते हुए, पारंपरिक सजावट और छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अनुरूप सजाया गया है। इस मौके पर आयोजित हो रहे छत्तीसगढ़ी संगीत, लोकनृत्य, पारंपरिक गड़वा बाजा, राउत नाचा और गेड़ी नृत्य का भी विशेष आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर परंपरागत कृषि उपकरणों के स्टॉल उपकरणों से छत्तीसगढ़ के कृषि संस्कृति जीवन्त हो उठी है। राउत नाचा के कलाकारों के आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया, जिससे हरेली के इस महोत्सव में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद का कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने ही बजी दी बैंड, अपनी दुकान खोलकर, दूसरों की दुकानें बंद कराने निकले नेताजी, भाजपा बोली, पहले अपने गिरेबान में झांको

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हरेली के त्योहार मुख्य रूप से किसान मन के त्योहार हरय- ⁠छत्तीसगढ़ धान के कटोरा कहलाथे। – ⁠अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार, नरेन्द्र मोदी जी के सरकार हो चाहे राज्य म डॉ. रमन सिंह जी के नेतृत्व म पंद्रह साल तक सरकार हो या हमर पाछु सात महीना से सरकार हे हमन किसान मन के चिंता करथन, किसान मन ल आगू बढ़ाय बर काम करथन – ⁠एक बार फेर ले छत्तीसगढ़वासी मन व अउ इहाँ कार्यक्रम म आय सब्बो झन ल बधई अउ सुभकामना।- ⁠मयं ये अवसर म ईश्वर ले जम्मो छत्तीसगढ़वासी मन के खुशहाली अउ सुख-समृद्धि के कामना करत हवं।

हरेली तिहार में नाचा का आयोजन

हरेली तिहार में पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का आयोजन हो रहा है। पूरे परिसर में उत्सव का माहौल है।पूरा ग्रामीण परिवेश इस सुंदर माहौल में साकार हो गया है।कहीं सुंदर वस्त्रों में सजे राऊत नाचा कर रहे कलाकारों की रंगत है तो कहीं आदिवासी कलाकार अपने पारंपरिक लोक नृत्य करते नजर आ रहे हैं।छत्तीसगढ़ का अद्भुत ग्रामीण लैंडस्केप अपनी सम्पूर्ण सांस्कृतिक सुंदरता में यहां उतार आया है।अलग अलग तरह की धुनों में छत्तीसगढ़ी संगीत का माधुर्य अपने चरम पर है।

छत्तीसगढ़ी पकवान से महक उठा मुख्यमंत्री निवास

हरेली त्यौहार में छत्तीसगढ़ व्यंजनों से महक उठा है मुख्यमंत्री निवास। आगन्तुकों के त्योहार में स्वागत के लिए खास तौर पर ठेठरी, खुरमी, पीडिया, गुलगुला भजिया, चीला जैसे पकवान बनाए जा रहे हैं।
हरेली तिहार का आरंभ सावन महीने की अमावस्या से होता है। यह त्योहार मानसून के मौसम के आगमन का प्रतीक है, जो खेती के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है। हरेली का त्यौहार का संबंध कृषि से जुड़ा है इस दिन खेतों में बोनी पूर्ण होने के बाद अच्छी फसल की आस में कृषि यंत्रों की पूजा की जाती है।हरेली त्यौहार में स्वच्छता का भी महत्व है गांवों में विशेष सफाई और सजावट की जाती है। घरों के आंगनों और खेतों में नीम के पत्तों, आम की पत्तियों और गोबर से अल्पना बनाई जाती है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ में हरेली का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाया जाता है।गांव में बच्चे त्योहारों को आनंद गेड़ी चढ़कर लेते हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक गेड़ी दौड़ में शामिल होते हैं। इस दिन खेती-किसानी में सहयोग देने वाले पशुओं विशेष रूप से गाय, बैल की पूजा की भी पूजा की जाती है। घरों में इस दिन छत्तीसगढ़ी पकवान बनाए जाते हैं।

प्राचार्य की छुट्टी, बीईओ पर भी एक्शन: छात्रा को थप्पड़ मारने वाले प्राचार्य पर गिरी गाज, बीईओ का भी प्रभार थीना

 

NW News