CG : सरकार का बड़ा एक्शन…….CGMSC के जरिए मेडिकल उपकरण सप्लाई के सभी ऑर्डर किये निरस्त, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने जताई आपत्ति

रायपुर 7 अगस्त 2024। सूबे की साय सरकार ने दवा खरीदी के लिए बनी संस्था छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने स्वास्थ विभाग से साल 2017-18 के बाद किए गए रेट कांट्रैक्ट के आधार पर की जाने वाली सारी सप्लाई के टेंडर ऑर्डर निरस्त कर दिए हैं। इस एक आदेश से करीब 100 करोड़ का टेंडर आर्डर एक ही बार में शून्य हो गया है। सरकार इसे सीजीएमएससी की क्लीनिंग और केंद्र सरकार की मंशा अनुरूप जेम्स पोर्टल से खरीदी की दिशा में बड़ा कदम बता रही है। वहीं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति दर्ज करायी है।

साल 2008-09 में छत्तीसगढ़ में उछले कलर डॉप्लर मशीन खरीदी घोटाले की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी थी। तब छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में दवा, मशीन और दूसरी चीजों में खरीदी घोटालों का के बवंडर ने सरकार को हिला दिया था। उसके बाद मेडिकल उपकरणों से लेकर दवा खरीदी के लिए केंद्रीयकृत व्यवस्था तैयार की गई और सीजीएमएससी का गठन किया गया। तब मंशा थी कि एक साथ बल्क में खरीदी होने से कम दर, बेहतर क्वालिटी और प्रतिस्पर्धा के साथ खरीदी पूरी की जाएगी, लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा। गठन के कुछ सालों बाद ही ये संस्था घोटालों और भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूब गयी।

इसी महीने आई कैग रिपोर्ट में बताया गया कि गठन से लेकर अब तक क्रय नियम नहीं बन सका। जितनी जरुरत है, उतनी दवाओं का रेट कांट्रेक्ट नहीं किया जा सका। सेंट्रल एंजेसी होने के बावजूद कई करोड़ की दवा लोकल पर्चेज में उचें दाम पर खरीदी की गई। ब्लैकलिस्टेड कंपनी से करोड़ों की दवा खरीदी। यहीें नही बिना जरुरत की दवाओं, रिएजेंट और मशीनें खरीदी और कबाड़ कर दी गयी। गोदाम में पड़े पड़े करोड़ों रूपये की दवाएं एक्सपायर हो गईं। स्वास्थ विभाग की दागदार हो चुकी छवि को सुधारने अब साय सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

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स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 2017-18 से अब तक जारी उन तमाम टेंडर को निरस्त कर दिया है, जो बहुत पहले तय हुए रेट कांट्रैक्ट पर सालों से सप्लाई करते आ रहे थे। हालांकि इन टेंडर से दवाओं को बाहर रखा गया है। बाकी, मशीन, रिएजेंट और कंज्युमेबल आइटम वाले टेंडर निरस्त कर दिए गए हैं। वहीं सरकार के इस फैसले पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। टीएस सिंह देव ने कहा कि सीजीएमएससी का गठन रमन सिंह शासनकाल में इसलिए ही किया गया था, ताकि सेंट्रलाइज तरीके से खरीदी करके दवाओं और उपकरणों की गुणवत्ता का ख्याल रखा जा सके।

साथ ही साथ इसमें गड़बड़ी न हो सके। अगर डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से खरीदी की जाएगी तो ना तो क्वालिटी का ध्यान होगा और ना ही इसमें गड़बड़ी को लेकर कोई बैरियर। यही कारण है कि टीएस सिंह देव ने वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री के इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि पोर्टल में किस तरह की सेटिंग होती है और किस तरह का जुगाड़ चल सकता है। यह सबको पता है ऐसे में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सीजीएमएससी से खरीदी ना करके अन्य माध्यमों से खरीदी के निर्णय को गलत बताते हुए इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

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