युक्तियुक्तकरण को लेकर फेडरेशन आक्रोशित, कौशल अवस्थी- बसंत कौशिक बोले, सभी संगठनों को एक करने की कवायत शुरू, अतिशीघ्र होगी सबकी साझा बैठक

रायपुर 12 अगस्त 2024। युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संगठनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन ने आरोप लगाया है कि ये सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की साजिश है। सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौशल अवस्थी और बसंत कौशिक ने कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा सरकारी शालाओं का युक्तियुक्तकरण  के लिए जो निर्देश जारी किया गया है, उसमें कहीं भी शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ बनाने की संकल्पना नहीं दिखती है। जबकि अपने चुनावी घोषणा पत्र में पूर्व सरकार के द्वारा बन्द किये गए शालाओं को पुनः चालू करने की बात लिखी गयी थी। इसके विपरीत युक्तियुक्तकरण के द्वारा हजारों के संख्या में सरकारी शालाओं को बंद करने की कवायद शुरू की गयी है।

सरकार इस वर्ष को सर्वांगीण गुणवत्ता वर्ष के रूप में मनाये जाने का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन युक्तियुक्तकरण के द्वारा बच्चों के अनुपात में शिक्षक को कम करने का फरमान जारी कर रहे हैं, वहीं पूर्व माध्यमिक शालाओं में विषय शिक्षक में भी कटौती की जा रही है। ऐसी स्थिति में सरकारी शालाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना करना बेईमानी होगी। किसी भी सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख होना चाहिए लेकिन सरकार के इस फैसले से तो शिक्षा और सरकारी शालाओं को कमजोर किया जा रहा है।गरीब,पिछड़े वंचित जो शिक्षा के मुख्यधारा में नही जुड़े बच्चों को ध्यान में रखकर शिक्षा की सुलभ बनाने 1 किलोमीटर के अंदर हर गांव में प्राथमिक शालाओं को खोला गया था किंतु दर्ज संख्या के नाम पर उसे बन्द किया जाना उन बच्चों के साथ अन्याय हैं। उनको शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास है गांव में शाला होने से वे कम से कम शिक्षा से जुड़ तो रहे थे लेकिन उसको यदि मर्ज किया गया तो हो सकता है कि वे दूरी तय करके शाला जाना ही बन्द ना कर दे।

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आज विभिन्न प्रकार के शासन के योजना, नित नयी-नयी जानकारियां, प्रशिक्षण, ग़ैरशिक्षकीय कार्य शिक्षकों से लिया जा रहा है। ऐसे परिस्थितियों में सेटअप में शिक्षकों की कटौती कर दिए जाने से सरकारी शालाओं में शिक्षा की गुणवत्ता दूर दूर तक सम्भव नहीं दिखता।60 बच्चों (1 से 5 कक्षा ) में केवल 2 शिक्षक, 1 से 8 जिसमे 6 विषय होते हैं वहां 105 तक के दर्ज संख्या में केवल 3 शिक्षक का प्रावधान किया जा रहा है, इसको देखकर कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति समझ जाएगा कि सरकार की मंशा और नियत क्या है।

जारी मापदंड के आधार पर युक्तियुक्तकरण किसी भी आधार से शिक्षा गुणवत्ता ,शाला सुधार, सरकारी स्कूलों को व्यवस्थित करने वाला नहीं है, अपितु सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर गिराने,शिक्षकों को मानसिक प्रताड़ना देने वाले, बेरोजगारों से जो कड़ी मेहनत करके ded, बीएड,टेट,करके अपने को शिक्षक बनाने के लिए मेहनत कर रहें युवा,सफाईकर्मी,रसोइया,सहित सबसे ज्यादा गांव के गरीब बच्चों के लिए अभिशाप की तरह है। सरकार के इस फैसले का सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन कड़ा विरोध दर्ज करता है।  ऐसे युक्तियुक्तकरण जो बच्चों,शिक्षक,बेरोजगारों के हितों के ऊपर कुठाराघात करने वाले तुगलकी फरमान को वापस लिया जाय। फेडरेशन ने कहा है कि यदि सरकार अपनी हठधर्मिता बनाये रखेगी तो प्रदेश के समस्त शिक्षक इसका घोर विरोध करते हुए शाला बन्द कर सड़कों पर आने के लिए विवश होंगे। फेडरेशन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौशल अवस्थी और बसन्त कौशिक ने प्रदेश के समस्त शिक्षक संगठनों से इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया है।

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