हाईकोर्ट: अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्तियां हाईकोर्ट के निर्णय से बाधित रहेगी,

रायपुर 12 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालय में पूर्व में पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नई नियुक्ति का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। नयी नियुक्ति को लेकर जारी विज्ञापन से व्यथित होकर अतिथि व्याख्याता ने हाई कोर्ट अधिवक्ता मतिन सिद्दीकी, अजय श्रीवास्तव,  गोविंद देवांगन,  विकास दुबे, प्रसुन्न अग्रवाल, फैसल अख्तर एवं अन्य के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। आज मामले की सुनवाई हुई, जिसमें न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत ने आदेशित किया कि अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति हाई कोर्ट मिलने से बाधित रहेगी।

यह कि छत्तीसगढ़ जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालय में पूर्व मैं पदस्थ अतिथि व्याख्याताओं द्वारा 1 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद उनके स्थान पर नया विज्ञापन जारी कर दिया गया था जिसके विरुद्ध अतिथि व्याख्याताओं द्वारा पूर्व में ही रिट याचिका दायर किया गया था जिस पर  न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन संविदा के बदले संविदा या अतिथि व्याख्याता के बदले अतिथि व्याख्याता नहीं रखने के संबंध में जारी आदेश के तहत याचिकाकर्ता के पद के विरुद्ध जारी विज्ञापन पर  उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दिया गया था। तब से लेकर वर्ष 2023- 24 तक अतिथि व्याख्याताओं द्वारा अपने पूर्व के महाविद्यालयों में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए आ रहे थे।

किंतु वर्ष 2022-23 में नवनियुक्त अतिथि व्याख्याता द्वारा अपने पद की सुरक्षा हेतु याचिका माननीय हाई कोर्ट में पेश किया गया था जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति हेतु पॉलिसी बनाने की निर्देश जारी किए गए उपरोक्त निर्देशों का पालन करते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति वर्ष 2024 है तो पॉलिसी बनाई गई और उसी के तहत नया विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की कार्रवाई की जाने लगी किंतु पूर्व से हाईकोर्ट के आदेश के तहत स्टे प्राप्त अतिथि व्याख्याताओं के स्थान पर नया विज्ञापन जारी कर नियुक्ति क्या जाने लगा, जिससे परिवर्तित होकर छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न शासकीय महाविद्यालय में पूर्व में पदस्थ तथा  उच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त अतिथि व्याख्याता द्वारा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत किए हैं।

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मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत के यहां हुई उपरोक्त याचिकाओं में याचिका करता का देवता द्वारा यह आधार लिया गया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी पॉलिसी की कंडिका 13.2 के अनुसार माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में जिन अतिथि व्याख्याता हेतु स्थगन आदेश जारी किए हैं ऐसे अतिथि व्याख्याता पर इस नीति के प्रावधान लागू नहीं होंगे, उपरोक्त आधारों पर माननीय न्यायालय ने ऐसे आदेशित किया कि अतिथि व्याख्याता की नियुक्तियां हाईकोर्ट के निर्णय से बाधित रहेगी

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