शिक्षक को चार साल जेल: 20000 रुपया घूस लेते हुए थे गिरफ्तार, अब कोर्ट ने सुनाई चार साल के कठोर कारावास की सजा, 5000 का जुर्माना भी

अंबिकापुर 31 अगस्त 2024। घूसखोर शिक्षक को कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई हैमामला अंबिकापुर के गंगापुर में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मंदबुद्धि विद्यालय के रिश्वतखोर प्रशिक्षक नारायण सिंह सिदार को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अंबिकापुर ममता पटेल के न्यायालय ने चार वर्ष की कठोर कारावास एवं 5000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।

आरोपित को सामर्थ्य दिव्यांग छात्रावास के मेस संचालन की अनुमति दिलाने के नाम पर रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश सिन्हा ने बताया कि अंबिकापुर के उपसंचालक समाज कल्याण विभाग के कार्यालय में अंबिकापुर निवासी अंचल विश्वकर्मा भवन मरम्मत का कार्य करा रहा था। कार्यालय में आना – जाना होने के कारण वहां के अधिकारी – कर्मचारियों से उसका परिचय था।

सामर्थ्य दिव्यांग छात्रावास के मेस संचालन की अनुमति दिलाने का झांसा प्रशिक्षक नारायण सिदार द्वारा दिया गया था। इसके एवज में 30 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। इतनी रकम दे पाने में असमर्थता जताने पर 20 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था।

अंचल विश्वकर्मा यह राशि देना नहीं चाहता था। उसने रिश्वत की रकम के साथ प्रशिक्षक को गिरफ्तार कराने की मंशा से एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय में इसकी शिकायत की थी। एसीबी की टीम ने शिकायत की जांच की तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। इसी आधार पर रिश्वतखोर प्रशिक्षक को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई गई।

योजना के तहत एसीबी के तत्कालीन डीएसपी अजितेश सिंह के नेतृत्व में टीम के सदस्यों ने जिला पंचायत कार्यालय अंबिकापुर के साइकल स्टैंड के पास 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते प्रशिक्षक को गिरफ्तार किया था। 20 सितंबर 2018 को हुई कार्रवाई के बाद न्यायालय के निर्देश पर एसीबी टीम ने प्रशिक्षक को जेल दाखिल कर दिया था। बाद में उसे जमानत मिल गई थी। इधर एसीबी टीम ने न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था।

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