बेटियां क्या कहीं भी सुरक्षित नहीं ? शैलेश पांडेय बोले, “शर्मनाक है ! बुनियादी जरुरतों के लिए बच्चियों को सड़क पर उतरना पड़ रहा” दोषियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग

बिलासपुर 9 सितंबर 2024। छत्तीसगढ़ में इन दिनों हो क्या रहा है! कभी DEO छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दे रहे…तो कभी तहसीलदार जेल भेजने की चेतावनी देती है। स्कूल प्रबंधन सुनता नहीं है, अधिकारी शिकायतों को सुनते नहीं है, आवाज उठाने पर धमकी मिलती है, ऐसे में बच्चे करें तो क्या करें। संस्कारधानी राजनांदगांव के बाद नया मामला अब न्यायधानी बिलासपुर से सामने आया है। आरोप है कि छात्रावास की समस्याएं दूर नहीं हुई, अधीक्षिका डराने धमकाने लगी, तो छात्राएं सड़क पर उतर आयी। इधर प्रशासन की टीम पहुंची, तो तहसीलदार ने समझाने के बजाय छात्राओं को ही जेल भेजने की धमकी देने लगी।

अब इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने निशाना साधा है। शैलेष पांडेय ने कहा है कि न्यायधानी में ही बच्चियों के साथ अन्याय हो रहा है। बच्चियां सुरक्षित नहीं है, तो फिर उन्हें न्याय आखिर कहां मिल पायेगा। शैलेष पांडेय ने इस मामले में तत्काल प्रभाव से दोषी अधीक्षिका और धमकाने वाली अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शैलेष पांडेय ने कहा कि इस तरह के बर्ताव से बच्चियां पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, क्या सरकार सोच भी रही है। स्कूलों की हालत बदतर है, अफसर सुनते नहीं है, कहीं स्कूलों में शिक्षक नहीं है, कहीं शिक्षक आते नहीं है, आखिरी शिक्षा विभाग में इतनी अंधेरगर्दी क्यों मची है।

दरअसल बिलासपुर में पचपेड़ी हायर सेकेंडरी स्कूल और हॉस्टल की समस्याओं को लेकर छात्राओं ने सोमवार को मस्तूरी-पचपेड़ी मार्ग पर चक्काजाम कर दिया।इस दौरान समझाइश देने पहुंचीं तहसीलदार माया अंचल लहरे ने छात्राओं को धमकी दे दी कि- एक बार लिखकर दूंगी तो सभी जेल चली जाओगी।दरअसल छात्राएं ने शिक्षक और मैडम पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सड़क पर बैठी थीं। महज आधे घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद चक्काजाम खत्म हो गया।

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छात्राओं ने बताया कि, हॉस्टल में साफ-सफाई और खाने की समस्या है। जिसे दूर करने की बात करने पर मैडम मनमानी करती हैं। स्कूल में पढ़ाई ठीक से नहीं हो रही है। शिक्षकों के आने-जाने का कोई समय तय नहीं है। जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। हॉस्टल में शासन से मिलने वाली सुविधाओं पर भी मैडम ध्यान नहीं देती हैं। छात्राओं के चक्काजाम करने की जानकारी मिलते ही तहसीलदार माया अंचल लहरे मौके पर पहुंची। उन्होंने पहले छात्राओं की समस्याएं सुनी, फिर उन्हें चक्काजाम खत्म करने को लेकर समझाइश देने लगीं। लेकिन, छात्राएं उनके सामने जमकर नारेबाजी करने लगी, जिससे वो नाराज हो गईं और छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने लगी।

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