CG : पुलिस-नक्सली मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने उठाया सवाल, लाश को सड़क पर रखकर जांच की मांग, ग्रामीण बोले…..मछली पकड़ने गए थे, जवानों ने नक्सली समझकर गोली मारी

सुकमा 27 सितंबर 2024। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गयी है। 24 सितंबर को सुकमा के चिंतलनार में हुए मुठभेड़ को ग्रामीणों फर्जी बताकर जवानों द्वारा ग्रामीणों को गोली मारने का गंभीर आरोप लगा रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि मछली पकड़ने गए थे और नदी किनारे डेरा बना रखा था। इसी दौरान रात में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोलियां चला दीं। इस घटना में एक ग्रामीण की मौत हो गयी थी। वहीं सुकमा पुलिस मुठभेड़ में 2 नक्सलियों के मारे जाने का दावा कर रही है। जिनके शवों को नक्सली साथ लेकर भाग गए थे।

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नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में ग्रामीण एक बार फिर पुलिस की कार्रवाई को लेकर सड़क पर उतर गये है। चिंतलनार में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को ग्रामीण फर्जी बताते हुए पुलिस द्वारा ग्रामीण को गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगा रहे है। गुरुवार को चिंतलनार के कोत्तागुड़ा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने मृतक ग्रामीण के परिजनों के साथ शव रखकर प्रदर्शन किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में नदी किनारे स्थानीय ग्रामीण डेरा बनाकर रखे हैं। शाम को मछली पकड़ने के दौरान ग्रामीण रात के वक्त वहीं रुकते हैं। ग्रामीण वहीं खाना बनाकर खाते और सोते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 24 सितंबर को भी गांव के 5 ग्रामीण मछली मारने के लिए गए हुए थे। वहीं रात 3 बजे के लगभग पुलिस की टीम करकनगुड़ा पहुंची थी।

उन्होंने नदी किनारे स्थित डेरा पर एकाएक फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग की आवाज सुनने के बाद जान बचाने के लिए एक ग्रामीण कवासी भीमा भागा, जिसे गोली लग गई। वह सीधे नदी में गिर गया था। वहीं अन्य ग्रामीण किसी तरह जान बचाकर भाग निकले। ग्रामीणों का कहना है जिसकी मौत हुई है वह नक्सली नहीं था।वहीं इस मुठभेड़ को लेकर दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी सचिव गंगा ने भी प्रेस नोट जारी किया है। गंगा का कहना है कि करीब 1500 जवान उस इलाके में घुसे थे। नदी किनारे सोए ग्रामीणों को कामरेड बताकर चेताते हुए उन पर सीधे फायरिंग कर दी गयी। नक्सली लीडर ने भी उस इलाके में कोई मुठभेड़ नहीं होने की बात कही है।

पुलिस ने 2 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही….मौके से मिले हथियार

इस पूरे मामले को लेकर सुकमा पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया था कि, पुलिस को करकनगुड़ा और इसके आस-पास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया था। चिंतावागु नदी के किनारे रुक-रुककर गोलीबारी हुई थी। जिसके बाद जवानों ने फायरिंग करते खोल दी। इस मुठभेड़ में जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग निकले थे। जब फायरिंग रुकी, तो जवानों ने सर्च ऑपरेशन में नक्सलियों के कैंप को ध्वस्त किया गया। वहीं पुलिस ने इस मुठभेड़ में 2 नक्सलियों को ढेर करने का भी दावा किया है।

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