Mahakumbh 2025 : अमृत स्नान और महाशिवरात्रि का दुर्लभ संयोग, जानें अंतिम स्नान की तिथि

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ का अमृत स्नान हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह आयोजन हर 12 साल में प्रयागराज में त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती) के पावन तट पर होता है। इस वर्ष महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान का संयोग महाशिवरात्रि के शुभ पर्व के साथ पड़ रहा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करेंगे।

Mahakumbh 2025 : अमृत स्नान और महाशिवरात्रि का दुर्लभ संयोग

Mahakumbh 2025
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कब होगा महाकुंभ का अंतिम स्नान?

हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे होगी और यह तिथि 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे समाप्त होगी। इस आधार पर महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा और इसी दिन महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान भी संपन्न होगा।

Mahakumbh 2025
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अमृत स्नान का महत्व

 हिंदू धर्म में मान्यता है कि त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज के संगम में भी गिरी थीं, इसलिए यहां स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है।इस दिन पवित्र स्नान करने से जन्मों-जन्म के पापों का नाश होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।

Mahakumbh
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महाशिवरात्रि का शुभ संयोग

इस वर्ष महाकुंभ के अमृत स्नान का संयोग महाशिवरात्रि के साथ बन रहा है, जो इसे और अधिक पवित्र और दुर्लभ बना रहा है। महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के पावन मिलन का पर्व है। इस दिन गंगा स्नान और शिव पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है।

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