राज्य सरकार की कमेटी के साथ सफाईकर्मियों की बैठक अगले सप्ताह…. छुट्टी की वजह से बैठक की तारीख बढ़ी….प्रमुख सचिव, GAD और फाइनेंस सिकरेट्री की बनी है कमेटी….प्रदेश अध्यक्ष संतोष बोले…..

रायपुर 6 नवंबर 2021। राज्य सरकार की कमेटी के साथ स्कूल सफाई कर्मचारियों की बैठक अगले सप्ताह हो सकती है। पहले ये बैठक आज ही 6 नवंबर को होने वाली थी, लेकिन छुट्टी की वजह से इस बैठक को अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया है। इससे पहले राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह और वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी की कमेटी बनायी थी, जो प्रदेश के करीब 45 हजार स्कूल कर्मचारी संघ की मांगों पर फैसला लेने वाली थी।

राज्य सरकार ने कमेटी को लेकर स्पष्ट निर्देश दिया है इस कमेटी के बनने के 15 दिन के भीतर पहली बैठक करनी है। लिहाजा अगले सप्ताह सफाई कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ पहली बैठक हो सकती है। पिछले दिनों प्रदेश भर में सफाई कर्मचारियों ने राजधानी तक पैदल यात्रा की थी। कर्मचारियों की मांग नियमितिकरण की है।

स्कूल शिक्षा अंशकालीन सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष खाडेकर ने कहा कि…..

“हमारी सालों पुरानी मांगे हैं, हमसे नियमितिकरण का वादा किया गया था, लेकिन वो वादा पूरा नहीं किया गया, हमलोग 8-10 साल से स्कूलों में सफाई का काम करते हैं। अभी भी हमें 2200-2300 रुपये मानदेय मिलता है, हमारी ड्यूटी में काम का वक्त 2 घंटे है, लेकिन कई घंटों तक स्कूलों में हमसे काम लिया जाता है, स्कूलों में भृत्य के रूप में हमलोग सेवा देते हैं, हमें प्रधानपाठन की तरफ से नियुक्ति पत्र दिया जाता है, जिसकी वजह से वो मनमानी कर कभी भी नौकरी से हमें बाहर कर देतै हैं। हम अपने नियमितिकरण की मांग के साथ-साथ नियुक्ति पत्र को जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर करने की मांग करते हैं। साथ ही कोरोना काल में जिन सफाईकर्मियों की कोरोना में मृत्यु हुई है, उनके लिए अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हैं”

आपको बता दें कि प्रदेश में करीब 45 हजार स्कूल सफाई कर्मचारी हैं। ये सालों से अपने नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों राजधानी में हुए जोरदार प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने उनकी मांगों को लेकर एक कमेटी बनायी है। ऐसे में सफाई कर्मियों को उम्मीद है कि उनकी मांगों पर जल्द ही निर्णय सरकार ले सकती है। सफाईकर्मियों का कहना है कि स्कूलों में जब उनसे भृत्य के रूप में सेवाएं ली जाती है, तो फिर हमें भृत्य के रुप में प्रमोशन कर स्थायी नियुक्ति क्यों नहीं दे सकती है।

 

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