शिक्षक प्रमोशन लिस्ट निरस्त: काउंसिलिंग में गड़बड़ी की शिकायत पर हुआ एक्शन, ये बतायी गयी है वजह..

बेमेतरा, 25 मई 2025। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया एक बड़े विवाद की भेंट चढ़ गई है। प्रधान पाठकों की हालिया प्रमोशन सूची को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। यह फैसला काउंसलिंग प्रक्रिया में कलेक्टर प्रतिनिधि की अनुपस्थिति को कारण बताते हुए लिया गया, लेकिन अंदरूनी सूत्र कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं।
दरअसल, पदोन्नति में गंभीर अनियमितताओं और पैसों के लेनदेन के आरोपों ने मामले को गरमा दिया। शिकायतों के अनुसार, रिक्त पदों को जानबूझकर छिपाया गया और फिर मोटे पैसों के बदले संशोधित आदेश जारी कर पदस्थापना की गई। यह भी आरोप हैं कि जिन शिक्षकों से “अनुमानित राशि” नहीं मिल पाई, उनके संशोधन आदेश बाद में रद्द कर दिए गए।
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में कुछ रसूखदार शिक्षक भी शामिल थे, जिनकी पहुंच बतायी जा रही थी। जैसे ही मामला कलेक्टर के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद डीईओ ने पूरी प्रमोशन सूची को अमान्य घोषित कर दिया।
हालांकि, आधिकारिक पत्र में केवल यह कहा गया है कि काउंसलिंग के दौरान कलेक्टर प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे, इसलिए पूरी प्रक्रिया को रद्द किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का मानना है कि यह कारण सिर्फ एक ‘कवर स्टोरी’ है, ताकि असल गड़बड़ियों पर पर्दा डाला जा सके।
अब सवाल यह उठता है कि अगर कलेक्टर प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे, तो फिर डीईओ ने पदोन्नति आदेश जारी ही क्यों किया? क्या एक ज़िला शिक्षा अधिकारी को इतनी बुनियादी प्रक्रिया की जानकारी नहीं? या फिर जानबूझकर नियमों को ताक पर रखकर पूरे खेल को अंजाम दिया गया?