तीन सस्पेंड: डेढ़ करोड़ की धाना हेराफेरी मामले में हुई कार्रवाई, रुटीन जांच के दौरान हुआ खुलासा

महासमुंद, 1 जून 2025।धान खरीदी सीजन के समापन के बाद अब महासमुंद जिले में अनियमितताओं और गड़बड़ियों का सिलसिला उजागर हो रहा है। जिले के पिथौरा क्षेत्र की एक कृष्णा राइस मिल में खाद्य विभाग और विपणन विभाग की जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जांच में पता चला कि मिल से 6 हजार से अधिक सरकारी धान के कट्टे गायब हैं। मामले में तीन कर्मियों को निलंबित किया गया है।

जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि यह खुलासा एक सप्ताह पूर्व की गई रुटीन जांच के दौरान हुआ। जब जांच टीम मौके पर पहुंची, तो सरकारी धान के स्टैक में कट्टों की संख्या में भारी कमी पाई गई। पूछताछ के दौरान राइस मिलर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका, जिसके चलते उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही पूरे मामले की रिपोर्ट पंचनामा सहित जिला कलेक्टर को भेजी गई है।

इधर, अमरकोट धान उपार्जन केंद्र में भी भारी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर गठित जांच दल ने जब वहां भौतिक सत्यापन किया, तो 11,416 बोरी धान कम पाई गई। इसका वजन 5348.68 क्विंटल है, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ 65 लाख 80 हजार रुपए आंकी गई है (प्रति क्विंटल दर ₹3100)। इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी जारी किए हैं।

मंडी सचिव पिथौरा ने जानकारी दी कि किसान किसन अग्रवाल ने मौखिक रूप से मंडी में 15 दिन के लिए अपना धान रखा था, लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं किया गया। अब मंडी अधिनियम के तहत उससे गोदाम किराया वसूला जाएगा।

जिले में इस वर्ष कुल 1,62,288 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकरण कराया था, जिनमें से 1,53,270 किसानों ने कुल 1.10 करोड़ क्विंटल से अधिक धान बेचा। लेकिन जांच के दौरान यह भी सामने आया कि सरायपाली क्षेत्र की समितियों से लगभग 40,000 क्विंटल धान कम मिला है। वहीं, अब तक जिले में 1 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है।

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जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों ने बताया कि उठाव की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है, परंतु गड़बड़ियों और लापरवाहियों को देखते हुए अब कठोर कार्रवाई की जा रही है।

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