100 साल बाद सूर्यग्रहण और शनि गोचर का महासंयोग….क्या करें और क्या न करें इस महासंयोग के दौरान..किन राशियों को रहना होगा सावधान

100 साल बाद सूर्यग्रहण और शनि गोचर का महासंयोग! 🪐
2025 में एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटित होने जा रही है, जब सूर्यग्रहण और शनि गोचर एक साथ होंगे। यह संयोग 100 साल बाद बन रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस घटना का प्रभाव और महत्व:
कब और कैसे होगा यह महासंयोग?
इस महासंयोग में सूर्यग्रहण और शनि का गोचर एक साथ एक ही राशि में होंगे। ऐसा खगोलीय संयोग पिछली बार 100 साल पहले हुआ था और अब यह 2025 में पुनः बनने जा रहा है।
- सूर्यग्रहण की तिथि: [सटीक तिथि आने पर अपडेट होगा]
- शनि गोचर की तिथि: [सटीक तिथि आने पर अपडेट होगा]
- राशि: यह संयोग मुख्य रूप से [संभावित राशि] राशि में होगा।
किन राशियों पर पड़ेगा विशेष प्रभाव?
यह महासंयोग कुछ राशियों के लिए अत्यधिक शुभ रहेगा, जबकि कुछ राशियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
शुभ राशियाँ:
- मेष: करियर और वित्तीय उन्नति के योग।
- सिंह: समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
- धनु: आध्यात्मिक उन्नति और नए अवसर मिलेंगे।
सावधान रहने वाली राशियाँ:
- कर्क: मानसिक तनाव से बचने की जरूरत।
- तुला: निवेश में सतर्कता बरतें।
- मकर: स्वास्थ्य संबंधी ध्यान देने की जरूरत।
इस महासंयोग के दौरान क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
भगवान सूर्य और शनि देव की पूजा करें।
दान-पुण्य करें, विशेष रूप से गरीबों को तेल, काले तिल और अन्न दान दें।
मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग करें।
क्या न करें:
किसी को अपशब्द न कहें या अपमान न करें।
बड़े निवेश या उधार देने से बचें।
गलत संगति या आलस्य से दूर रहें।
ज्योतिषीय उपाय:
सूर्यग्रहण के दौरान ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें।
शनि गोचर के प्रभाव को कम करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
शिवलिंग पर जल अर्पित करें और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें।
निष्कर्ष:
100 साल बाद बन रहे इस महासंयोग का प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग होगा। कुछ के लिए यह अत्यधिक शुभ रहेगा, तो कुछ को सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी। सही उपाय और पूजा-पाठ करके इस ग्रह योग का लाभ उठाया जा सकता है।