नान प्रकरण में FIR दर्ज होने के बाद पूर्व महाधिवक्ता को लेकर कनक तिवारी ने कही ये बात… पूर्व सीएम और विधि मंत्री पर भी साधा निशाना
रायपुर 5 नवंबर 2024। नान घोटाला को लेकर EOW ने नया प्रकरण दर्ज किया है। मामले में पूर्व IAS अनिल शुक्ला और अनिल टूटेजा के अलावे पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को भी अभियुक्त बनाया गया है। इस मामले में पूर्व एजी कनक तिवारी ने भूपेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। आपको याद होगा 2018 में भूपेश सरकार बनने के बाद कनक तिवारी को ही महाधिवक्ता बनाया गया था। हालांकि कुछ महीनों बाद ही कनक तिवारी को हटा दिया गया। जिसके बदा सतीश चंद्र वर्मा को एडवोकेट जनरल बनाया गया था। कनक तिवारी ने इस मामले में बड़ी बातें कही है।
उन्होने कहा है कि 2018 दिसंबर में कांग्रेस की सरकार आने पर मुझे लगभग खुशामद करके एडवोकेट जनरल बनने के लिए राजी कर लिया गया था ।कुछ महीनो में ही श्री राजा बिखरने लगा मुझे पता लगा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर(एक एहसान फरामोश मंत्री जिसे राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद पर 5 साल के लिए निर्वाचित होने के बावजूद मेरी पैरवी के कारण हाईकोर्ट में पौने दो साल का अतिरिक्त कार्यकाल मिल गया था) चाहते हैं कि हम ऐसे काबिल व्यक्ति को एडवोकेट जनरल बनाएं जो आगे चलकर मुलजिम बने उनके साथ।
ताकि वहां भी उनकी रक्षा करे। मैं मुलजिम बनने को तैयार नहीं हो सकता था। तो लिहाजा मुझे उस पद से बिना इस्तीफा दिए हटना पड़ा ।मेरे बाद जिनको रखा गया अब वह मुकदमा भोगेंगे। क्या मुझे इस बात के लिए दुख व्यक्त करना चाहिए कि अब मुलजिम बन चुके मंत्रियों की सलाह के अनुसार मुझे मुलजिम बनने के लिए अपनी गर्दन नापने के लिए सामने कर देनी चाहिए थी? आप सब मुझे माफ करें! करोड़ों रुपए भ्रष्टाचार से कमा कर मैं अपने चरित्र पर कालिख लगाने के लिए मुलजिम बनने की हिम्मत नहीं जुटा सका!
तब मुख्यमंत्री कार्यालय में रहे और बाद में जांजगीर के कलेक्टर बने सज्जन तथा खुद आरोपित अधिकारियों ने मुझसे कहा था कि मुख्यमंत्री जी चाहते हैं कि नान घोटाले के मामले में आप सरकार की ओर से पैरवी न करें और अतिरिक्त महाधिवक्ता को करने दें। तो मैंने कहा था वैसे भी मुझे एडवोकेट जनरल पद की मर्यादा मालूम है। एडवोकेट जनरल फौजदारी मामलों में खड़ा नहीं होता है। अगर लोगों को भ्रम है कि इस मामले में कुछ हो पाएगा तो अपना भ्रम दूर कर लें। मौजूदा सरकार कुछ नहीं करने वाली।