अर्थराइटिस की है पॉब्लम ? बस डाइट में करे इन चीजों को शामिल

मुंबई 11 नवंबर 2024 ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें अर्थराइटिस का समस्या का सामना करना पड़ता है. आर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों को घुटनों, एड़ियों, पीठ, कलाई या गर्दन के जोड़ों में दर्द होता है. डाइट में बदलाव करने से अर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है. अर्थराइटिस के मरीजों को ऐसे चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है. कुछ सुपरफूड विशेष रूप से फायदेमंद होते हैं क्योंकि उनमें ऐसे यौगिक होते हैं जो सूजन को कम कर सकते हैं, जोड़ों के टिशू की रक्षा कर सकते हैं और बोन हेल्थ में सुधार कर सकते हैं. अपनी डाइट में नियमित रूप से इन सुपरफूड को शामिल करके, आप गठिया के खतरे को कम कर सकते हैं.

हल्दी- हल्दी भारतीय व्यंजनों में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक मसाला है, और इसमें कर्क्यूमिन नाम का एक शक्तिशाली यौगिक होता है, जो अपने एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है. कर्क्यूमिन शरीर में सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है, जिससे गठिया के लक्षणों, जैसे दर्द और जोड़ों की अकड़न को कम करने में मदद मिलती है.
ऑलिव ऑयल- ऑलिव ऑयल, खास तौर पर एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, ओलियोकैंथल से भरपूर होता है. ओलियोकैंथल सूजन पैदा करने वाले एंजाइम के उत्पादन को रोकता है और जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है.

नट्स- सूजन और गठिया के खतरे को कम करने के लिए नट्स फायदेमंद होते हैं. अखरोट, विशेष रूप से, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) से भरपूर होते हैं, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक प्रकार है जो शरीर में सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. नट्स मैग्नीशियम, सेलेनियम और विटामिन ई का भी एक अच्छा स्रोत हैं, जो अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाने जाते हैं. नियमित रूप से सीमित मात्रा में नट्स खाने से बोन हेल्थ में सुधार होता है और सूजन कम होती है.

पत्तेदार सब्जियां- पालक, केल और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं जो सूजन से लड़ने और गठिया के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं. इन सब्जियों में विशेष रूप से विटामिन सी, ई और के की मात्रा अधिक होती है, जो जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में भूमिका निभाते हैं. विटामिन के, विशेष रूप से, स्वस्थ हड्डियों को बनाए रखने में मदद करता है.

धान खरीदी पर सरकार की कड़ी नजर, टोकन को लेकर मिल रही दोहरी सुविधा, अब तक किसानों को 6728 करोड़ रूपए जारी

बेरीज- ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी जैसे बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जिनमें एंथोसायनिन और क्वेरसेटिन शामिल हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके काम करते हैं जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे अर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है. बेरीज में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है, जो कार्टिलेज में कोलेजन को बनाए रखने में मदद करता है.

फैटी फिश- सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन और ट्राउट जैसी फैटी फिश ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जिनमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. फैटी फिश का नियमित सेवन जोड़ों के दर्द और अकड़न को कम कर सकता है, खासकर रुमेटॉइड अर्थराइटिस वाले लोगों में.

Related Articles