सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैलसा : हर निजी संपत्ति पर सरकार कब्ज़ा नहीं कर सकती, सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला

नई दिल्ली 5 नवंबर 2024। सुप्रीम कोर्ट ने आज निजी संपत्ति विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं। कुछ निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के ⁠9 जजों के संविधान पीठ ने इस मामले में आज बड़ा फैसला सुनायसा है। इस फैसले ने 1978 से लेकर अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले पलट दिये हैं।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की बेंच दशकों पुराने इस विवाद पर आज अपना फैसला सुनाया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिय था। मामले में फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा…तीन जजमेंट हैं, मेरा और 6 जजों का…..जस्टिस नागरत्ना का आंशिक सहमति वाला और जस्टिस धुलिया का असहमति वाला। हम मानते हैं कि अनुच्छेद 31सी को केशवानंद भारती मामले में जिस हद तक बरकरार रखा गया थाए वह बरकरार है।

1978 के बाद के सभी फैसलों को पलटा….

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में साफ कर दिया है कि सरकार सभी निजी संपत्तियों की अधिग्रहण नहीं कर सकती। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 1978 के बाद के उन फैसलों को पलट दिया है। जिनमें समाजवादी विषय को अपनाया गया था और कहा गया था कि सरकार आम भलाई के लिए सभी निजी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है। सीजेआई ने सात न्यायाधीशों का बहुमत का फैसला लिखते हुए कहा कि सभी निजी संपत्तियां भौतिक संसाधन नहीं हैं और इसलिए सरकारों द्वारा इन पर कब्ज़ा नहीं किया जा सकता।

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