ब्रेकिंग: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बड़ा ऐलान, IAS-IPS की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यूथ हॉस्टल की सीट बढ़कर होगी 200, फ्री कोचिंग के साथ सरकार देती है स्कॉलरशिप, युवा अभ्यर्थियों से मिलकर गदगद हुए मुख्यमंत्री

नयी दिल्ली। छत्तीसगढ़ से अब और ज्यादा बच्चे IAS-IPS बन सकेंगे। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी की चाहत रखने वाले बच्चों के लिए बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि युवा अभ्यर्थियों के लिए यूथ होस्टल की 65 सीट को बढाकर अब 200 कर दिया जायेगा। ताकि छत्तीसगढ़ के ज्यादा से ज्यादा बच्चों के सपनों को पर लग सके। दिल्ली दौरे पर समाचार एजेंसी से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि UPSC की तैयारी कर रहे अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए दिल्ली स्थित द्वारिका में यूथ हॉस्टल की संख्या बढ़ायी जा रही है।

पहले यहां सिर्फ 65 बच्चों के लिए सीट उपलब्ध थी, लेकिन अब उसे सीधे तीगुना बढ़ाया जा रहा है। आपको बता दें कि इन बच्चों को सरकार की ओर से छात्रवृत्ति भी दी जाती है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी दिल्ली में करवाई जाती है।


छात्रवृत्ति भी देती है सरकार

इस योजना के तहत  राज्य के एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को यूपीएससी की फ्री कोचिंग दी जाएगी, उन्हें निशुल्क परीक्षा की तैयारी करने का मौका मिलेगा। यही नहीं छात्रों को हजार रुपये की स्कॉलरशिप भी दी जाएगी। इस योजना में शामिल होने वाले बच्चों को आनलाइन अप्लाई करना होता है। प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद राज्य सरकार तैयारी करने वाले बच्चों को दिल्ली में हर सुविधा उपलब्ध कराती है। फ्री कोचिंग के दौरान सरकार की तरफ से ही हर विषय के विशेषज्ञों की क्लास बच्चों के लिए करायी जाती है।

मुख्यमंत्री ने की बच्चों से बातचीत

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिल्ली में तैयारी कर रहे बच्चों से बातचीत भी की। उन्होंने बच्चों से दिल्ली में मिलने वाली सुविधाओं और उनके अनुभवों के बारे में भी जानकारी ली। सभी बच्चे सरकार की तरफ से मिल रही सुविधाओं पर काफी संतोष जताया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान हर बच्चे से उनका परिचय जाना। बातचीत के बाद समाचार एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “जब 15 साल हमारी सरकार थी तो शिक्षा के सभी संस्था छत्तीसगढ़ में खोले गए। छत्तीसगढ़ बनने के पहले केवल एक मेडिकल कॉलेज था और अभी जो भी संस्था है वे हमारी 15 साल की सरकार के दौरन बनी। शिक्षा को हम आगे ले जाना चाहते हैं… छत्तीसगढ़ के बच्चे अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त करें उसकी चिंता हमारी सरकार करेगी।”

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