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ब्रेकिंग: NTA के महानिदेशक सुबोध सिंह हटाये गये, अब IAS प्रदीप सिंह को सौंपी गयी जिम्मेदारी

रायपुर 22 जून 2024। नीट पेपर लीक घोटाले में घिरी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह IAS प्रदीप सिंह खरोला NTA के महानिदेशक होंगे।प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के IAS रहे हैं. हाल के NEET पेपर लीक और UGC-NET की परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को लेकर NTA पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. अब सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है. पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था, साथ ही देशभर में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं.

NTA का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके, लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून (शुक्रवार) की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है.उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर… ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए.

हाल के NEET पेपर लीक और UGC-NET की परीक्षाओं के पेपर लीक मामले को लेकर NTA पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे. अब सरकार ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पेपर लीक को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल खड़े कर रहा था, साथ ही देशभर में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं.जून 2023 में सुबोध कुमार सिंह को एनटीए का महानिदेशक (DG) नियुक्त किया गया था. तब से वह इस पद पर बने हुए थे। इससे पहले वह केंद्रीय खाद्य मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे. 1997 बैच छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह कानपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनके पिता प्राथमिक स्कूल में शिक्षक थे.

कहां से की है पढ़ाई?

उन्होंने देश की टाॅप आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) की पढ़ाई की है. उसके बाद इसी ब्रांच से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (ME) किया. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, इग्नू से उन्होंने एमबीए भी किया है.

कहां-कहां रही पोस्टिंग?

आईएएस की ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली पोस्टिंग मंडला जिले में असिस्टेंट कलेक्टर पद पर हुई थी. इसके बाद वह कोरिया के एसडीओ बनाए गए. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद वह बस्तर जिले के पहले जिला पंचायत सीईओ बनाए गए थे. इसके बाद 2002 में उनकी नियुक्ति रायगढ़ डीएम के रूप में की गई. रायपुर और बिलासपुर के भी कलेक्टर रह चुके हैं. इसके अलावा भी वह कई अन्य पदों पर काम कर चुके हैं.

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