ब्रेकिंग : हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई का आज जिले भर में होगा जोरदार विरोध… फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा बोले- मैं चीफ सिकरेट्री को पत्र लिखकर…

रायपुर 1 अगस्त 2022। DA-HRA पर पहले से ही आग बबूला कर्मचारियों के गुस्से में GAD के आदेश ने आग में घी डालने का काम कर दिया है। एक तरफ महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान का आक्रोश और दूसरी तरफ वेतन काटने के आदेश ने आक्रोश में उबाल ला दिया है। रविवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की बैठक में भी GAD के फरमान की आवाज खूब गूंजी। सरकार के निर्देश का विरोध जताने कर्मचारियों ने पहले तो आक्रोश रैली निकाली और फिर जीएडी के आदेश की प्रतियां जलायी। कर्मचारियों ने दो टूक कह दिया है कि सातवें वेतनमान और गृहभाड़ा भत्ता नहीं देने वाली सरकार ने अगर वेतन में भी कटौती की, तो फिर इसका परिणाम गंभीर होगा।

आज इस मुद्दे पर प्रदेश भर में आंदोलन किया जायेगा। प्रत्येक जिला मुख्यालय में आक्रोश के साथ सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आदेश की प्रतियां जलायी जायेगी। रविवार को कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन की बैठक में इस प्रदर्शन का ऐलान किया गया है।

वहीं खुद कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने इस आदेश का तीखा विरोध जताने का फैसला लिया है। इस मामले में NW न्यूज से बातचीत करते हुए कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि….

“देखिये. ये बेहद दुर्भाग्यजनक है कि एक तरफ तो सरकार हमें महंगाई भत्ता और HRA नहीं दे रही है, दूसरी तरफ लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए हम हड़ताल करते हैं तो हम पर दमनात्मक कार्रवाई करती है, ये उचित नहीं है। हम इसका तीखा विरोध करते हैं। रविवार को हमने रैली निकाली और आदेश की प्रति जलायी। मैं अब फेडरेशन की तरफ से आपत्ति जताते हुए चीफ सिकरेट्री को पत्र लिखूंगा और ये मांग करूंगा कि तुरंत ही इस आदेश को वापस लें”

कमल वर्मा, प्रांतीय संयोजक, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन

आपको बता दें की शुक्रवार शाम ही जीएडी की तरफ से पूर्व निर्धारित निर्देश के मुताबिक हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। माना जा रहा है कि जल्द ही इस संदर्भ में कार्यवाही शुरू हो जाएगी।

आपको बता दें कि महंगाई भत्ता और एचआरए को लेकर प्रदेश भर के करीब चार लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर गए थे। पांच दिवसीय हड़ताल को राज्य सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया था। आदेश जारी कर राज्य सरकार ने साफ संकेत दे दिए थे 5 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। हड़ताल करने वालों का सामूहिक अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। जितने दिन कर्मचारी हड़ताल पर रहे हैं, उस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के 4 लाख हड़ताली अधिकारी-कर्मचारियों को 2006 का एक आदेश याद दिलाया है।

क्या था GAD का निर्देश

महानदी भवन मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव मेरी खेस्स ने एक ताजा आदेश जारी कर कहा है कि 10 अप्रैल 2006 को परिपत्र जारी किया गया था, उसके तहत दिए गए निर्देशों के अनुसार हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, राज्य सरकार ने अप्रैल-2006 में एक परिपत्र जारी किया था, इसमें कहा गया था कि शासकीय सेवकों द्वारा हड़ताल, धरना, तथा सामूहिक अवकाश आदि प्रकार के कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार कदाचरण (मिस कंडक्ट) की श्रेणी में आते है। ऐसा करने वाले शासकीय सेवक अनुशासनात्मक कार्रवाई के भागी होंगे। अनुपस्थित अवधि का कोई वेतन इत्यादि देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस माना जाएगा। बता दें कि 80 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी संगठन 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल पर थे।

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