कैल्शियम से सिर्फ हड्डी नहीं, दिमाग भी होता है कमजोर, Hypocalcemia के इन संकेतों को समझिये, नहीं तो हमेशा के लिए…
Calcium Deficiency: शरीर को मजबूत रखने के लिए जरूरत होती हैं मजबूत हड्डियों की जो कैल्शियम से होती हैं. हड्डियां कैल्शियम, प्रोटीन और खनिज तत्त्वों से मिलकर बनती हैं. कैल्शियम की कमी को ह्य्पोकाल्सेमिअ (Hypocalcemia) के नाम से भी जाता है, जिसका तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जब खून में कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है. लेकिन यह कमी बॉडी में एक दिन में नहीं, बल्कि निरंतर खानपान में लापरवाही के वजह से पर्याप्त तादाद में बॉडी को कैल्शियम न मिलने के वजह से बीमारियों के रूप में सामने आती है. वैसे तो लोगों का मानना है कि केवल दूध या दही का उपयोग करने से बॉडी को कैल्शियम मिल जाता है, लेकिन यह सच बात नहीं है. इससे कैल्शियम तो मिलता है पर उतनी तादाद में नहीं, जितना कि उचित पोषण के लिए बॉडी को जरूरत होती हैं. कैल्शियम की कमी (Calcium deficiency)से कई बीमारियां भी हो सकती हैं. इस लिए आपको अपनी डाइट में कैल्शियम युक्त चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए.
कैल्शियम की कमी के लक्षणः
कैल्शियम की कमी होने से शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं. जैसे हड्डियों में दर्द, जकड़न, थकान, मांसपेशियों में खिंचाव आदि के रूप में नजर आता है. कमर का झुक जाना, पिंडलियों में अचनाक से असहनीय दर्द होना, बालों का झड़ना, दांतों में संक्रमण, नाखूनों का फटना आदि ये सब शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण है. अगर आपने सही समय पे ध्यान नहीं दिया तो आपके शरीर भारी नुकसान भी हो सकता है.
क्या है हाइपोकैल्सीमिया?
जब आपके खून में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है तब हाइपोकैल्सीमिया की स्थिति पैदा होती है। वैसे तो इस बीमारी के होने के पीछे कई अलग अलह कंडीशन भी होते हैं लेकिन यह ज़्यादातार शरीर में पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) या विटामिन डी के असामान्य स्तर के कारण होता है। इस वजह से शरीर के कई अंग भी प्रभावित होते हैं।
दिमाग को कैसे करती है प्रभावित:
शरीर में कैल्शियम कम होने के कारण थकान ज़्यादा होती है जिससे ऊर्जा की कमी और हमेशा सुस्ती महसूस होती है। इस वजह से नींद न आने की समस्या भी शुरू हो जाती है। जिस कारण लोगों में फोकस की कमी, भूलने की बीमारी और भ्रम की स्थिति होने लगती है। इस बीमारी की शुरुआत में कमर और पैरों की में ऐंठन और अकड़न आता है। धीरे धीरे समय के साथ, हाइपोकैल्सीमिया का असर दिमाग पर पड़ता है और उस कारण भ्रम, मेमोरी लॉस, याद न रहना, डेलिरियम, डिप्रेशन जैसी गंभीर कंडीशन का सामना करना पड़ता है।
ऐसे करें अपना बचाव:
हाइपोकैल्सीमिया से खुद को बचाने के लिए अपनी डाइट बेहतर कर विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन करें। डेयरी उत्पादों का सेवन करें जिनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप हर 6 महीने पर कैल्शियम का टेस्ट करवाएं जो कि इसकी कमी से बचने के लिए बेहद जरूरी है।