CG बड़ी खबर- प्रधान पाठक के बैग में खुफिया कैमरा मिला, शिक्षिकाओं व छात्राओं की प्राइवेसी भंग होने की आशंका

बलरामपुर 29 जुलाई 2024। प्रधान पाठक की एक ऐसी शर्मनाक करतूत सामने आयी है, कि सुनकर आपका दिमाग हिल जायेगा। छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये पहली बार है, जब कोई प्रधान पाठक हिडेन कैमरा (खुफिया कैमरा) के साथ स्कूल में पकड़ाया है। आशंका है कि प्रधान पाठक की नीयत नेक नहीं थी, उन्होंने कुछ ऐसी भी चीजें स्कूल परिसर में रिकार्ड की है, जो शिक्षिकाओं के साथ-साथ छात्राओं की प्राइवेसी को भंग कर सकता है। इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।वहीं बीईओ ने इस मामले में नोटिस जारी कर प्रधान पाठक से जवाब मांगा है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है…पलक झपकते मोबाइल से रिकार्ड किया जा सकता है, तो आखिर प्रधान पाठक ऐसा क्या रिकार्ड करना चाहते थे, जिसके लिए स्पाई कैमरा ( खुफिया कैमरा) की जरूरत पड़ गयी। जाहिर है दाल में काला नहीं, पूरी दाल ही काली है।

मामला बलरामपुर जिला के शा.पूर्व मा.शा.फूल्लीडूमर का है। जहां प्रधान पाठक रामकृष्ण त्रिपाठी को बैग में लगाये खुफिया कैमरे के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया है। कमाल की बात ये है कि बीईओ की मौजूदगी में स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं व संकुल समन्वयक ने प्रधान पाठक को खुफिया कैमरे के साथ पकड़ा है। प्रधान पाठक ने इस तरह से कैमरे को छुपाकर रखा था कि लोगों को पता ही नहीं चल रहा था।

खुफिया कैमरे का ऐसे खुला राज

पूरा मामला बलरामपुर जिले में वाड्रफनगर विकासखण्ड के शासकीय पूर्व मा शाला फूलीडूमर का है, जहां माध्यमिक व हायर सेकेंडरी विद्यालय एक ही कैम्पस में संचालित है। शनिवार को दोपहर 11:30 विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण के दौरान अचानक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों की नजर हेडमास्टर साहब के बैग पर पड़ी। प्रधान पाठक ने अपने बैग का चेन थोड़ा सा खोलकर था, जिसके अंदर बहुत ही चालाकी से एक स्पाई कैमरा लगा था। तत्काल शिक्षको ने विद्यालय में उपस्थित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार को इसकी जानकारी दी। प्रधान पाठक का जैसे ही राज खुला, वो हड़बड़ा गये। प्रधानपाठक ने बीईओ के सामने गोलमोल जवाब देना शुरू कर दिया। आरोप है कि प्रधान पाठक रामकृष्ण त्रिपाठी विगत दस पन्द्रह दिनों से इस बैग को अपने चार पहिया वाहन पर रख शाला कैम्पस के विभिन्न जगहों पर खड़ा करते थे। अक्सर विद्यालय के अंदर भी अलग अलग जगहों पर बैग को छोड़ जाया करते थे। प्रधान पाठक के खिलाफ पिछले कई मामलों पर कई बार शिकायत भी हुई, पर रसूख रखने वाले प्रधान पाठक के खिलाफ कई कार्रवाई नहीं हो पाती। लिहाजा, कार्यरत शिक्षको ने उच्चाधिकारियों से मांग की ही कि ऐसी शर्मनाक हरकत करने वाले प्रधान पाठक पर तत्काल कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।

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आखिर क्या रिकार्ड करना चाहते थे प्रधान पाठक

स्कूल में ना तो ऐसा कोई गुप्त काम होता है और ना ही स्टिंग आपरेशन की जरूरत होती है। …तो आखिर प्रधान पाठक रामकृष्ण त्रिपाठी खुफिया कैमरे से करना क्या चाहते थे। क्या वो शिक्षिका या छात्राओं की प्राइवेसी भंग करना चाहते थे?  ये शक इसलिए भी गहरा हुआ है, क्योंकि शिक्षक अपनी गाड़ी स्कूल के कई जगहों पर पार्क करते थे। उनका ये खुफिया कैमरे वाला बैग भी ज्यादातर वो गाड़ी में ही छोड़ा करते थे। …तो क्या प्रधान पाठक की नीयत अश्लीलता की तरफ थी। …आखिर वो किसकी जासूसी करना चाहते थे। सवाल तो ये भी है कि आखिरकार प्रधान पाठक ने अपने इस कैमरे से अब तक क्या-क्या रिकार्ड किया है।

विभाग से नहीं, पुलिस की छानबीन से खुलेगा राज

दरअसल विभाग की जांच का दायरा उतना बड़ा नहीं है कि वो प्रधानपाठक के मंसूबों को जान सके। विभाग नोटिस जारी कर भी, ये नहीं जान पायेगा, कि प्रधान पाठक ने अब तक कैमरे में क्या-क्या रिकार्ड किया है। ऐसे में इस मामले की जांच में पुलिस का भी सहयोग लेना जरूरी है, ताकि शिक्षक की मंशा, शिक्षिकाओं व छात्राओं की प्राइवेसी भंग करने की लग रही आशंकाओं की भी हकीकत सबके सामने आ सके।

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