CG- डॉ प्रिंस जायसवाल बर्खास्त: फर्जी सर्टिफिकेट पर बन गये DPM, सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन में मिले फर्जी, स्वास्थ्य विभाग ने किया बर्खास्त

सूरजपुर 3 जून 2025। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वाले एक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल सूरजपुर में पदस्थ प्रभारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) डॉ. प्रिंस जायसवाल को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने के गंभीर आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के आयुक्त सह मिशन संचालक द्वारा की गई, जिन्होंने संबंधित आदेश जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
डॉ. प्रिंस जायसवाल ने Master of Public Health (MPH) की डिग्री साबरमती विश्वविद्यालय (पूर्व में कैलॉर्स टीचर्स यूनिवर्सिटी) से दिखाकर DPM पद के लिए आवेदन किया था। लेकिन जब डिग्री की वैधता की जांच कराई गई, तो विश्वविद्यालय ने यह साफ कहा कि प्रिंस जायसवाल उनके छात्र कभी रहे ही नहीं। दरअसल डॉ. प्रिंस जायसवाल ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक पद हेतु जारी विज्ञापन में आवेदन के दौरान निर्धारित शैक्षणिक योग्यता हेतु साबरमती विश्वविद्यालय (Calorx Teachers University) Master Of Public Health (MPH) की डिग्री होना बताया था।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पुलिस अधीक्षक, सूरजपुर को सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन के लिए लिखा गया था। जब पुलिस विभाग की तरफ से डॉ. प्रिंस जायसवाल के डिग्री के संबंध में जानकारी ली गयी तो साबरमती विश्वविद्यालय ने बताया कि “There is no records available for the following mentioned student, with the University therefore we regret that no verification information can be provided by Sabarmati.
साबरमती विश्वविद्यालय ने कहा कि Mr. Prince Jaiswal is not the student of Sabarmati University (Formerly Calors Teachers University) Document is Fraudulent and misrepresentation as per university records.” दस्तावेज में फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 3 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।जिसके परिप्रेक्ष्य में डॉ. प्रिंस जायसवाल द्वारा आवेदन दिनांक 20.02.2025 के माध्यम से 30 दिवस का समय मांगा गया था। किन्तु दिनांक 26 मई 2025 को डॉ. प्रिंस जायसवाल कार्यालय में उपस्थित होकर अपना जवाब प्रस्तुत किया गया कि इस सम्बन्ध में न्यायालय, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरजपुर के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया है, जिसमें न्यायालय से फर्जी दस्तावेज के संबंध में स्थगन प्राप्त नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग ने बर्खास्तगी आदेश में कहा है कि Mr. Prince Jaiswal is Not the student of Sabarmati University (Formeriv Calors Teachers University). Documents are Fraudulent and Misrepresentation as per University Record के संबंध में पर्याप्त सुनवाई का अवसर प्रदान करने के उपरांत भी डॉ प्रिंस जायसवाल द्वारा कोई संतोषप्रद साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। इस प्रकार उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद एवं समाधानकारक नहीं है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉ जायसवाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
जांच में खुला फर्जीवाड़ा:
विश्वविद्यालय की पुष्टि: “Such student does not exist,” दस्तावेज फर्जी हैं।
जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई।
जवाब देने का पर्याप्त मौका दिए जाने के बावजूद जायसवाल कोई संतोषजनक प्रमाण नहीं दे सके।
प्रकरण की सूचना मिलने के बाद NHM ने मानव संसाधन नीति 2018 व संविदा सेवा नियम 2012 के तहत कार्रवाई करते हुए सेवा समाप्त करने का फैसला लिया।