CG: भारत-पाक सीमा पर छुपे थे लुटेरे, रायपुर पुलिस दबोच लाई, 4 लाख की हुई थी लूट, बरामद हुए 15 लाख

रायपुर 16 मई 2025। राजधानी रायपुर पुलिस ने एक बार फिर अपनी सतर्कता और सूझबूझ का परिचय देते हुए लूट के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने न केवल वारदात में शामिल पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, बल्कि एफआईआर में दर्ज चार लाख की लूट के बदले 15 लाख रुपये की बरामदगी कर सबको चौंका दिया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि राजस्थान के पाकिस्तान सीमा से सटे गांव तक पहुंचकर की गई।
30 अप्रैल की रात हुई थी लूट की वारदात
घटना 30 अप्रैल की रात करीब 9 बजे की है, जब एक कलेक्शन एजेंट के साथ लूट की वारदात हुई थी। यह एजेंट रायपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी से जुड़ा हुआ है और पैसे की वसूली कर लौट रहा था। उसी दौरान कुछ अज्ञात लुटेरों ने उसे रोककर चार लाख रुपये लूट लिए और फरार हो गए।
पाकिस्तान सीमा के पास छिपे थे आरोपी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि वारदात में शामिल आरोपी वारदात के तुरंत बाद राजस्थान की ओर भाग निकले। उनमें से कुछ आरोपी श्रीडूंगरगढ़ इलाके में पाकिस्तान से सटे गांवों में छिपे हुए थे। वहां चल रहे सीजफायर की स्थिति का फायदा उठाकर आरोपी पुलिस से बचते रहे, लेकिन रायपुर पुलिस की विशेष टीम ने स्थानीय एजेंसियों की मदद से वहां दबिश दी और आरोपियों को पकड़ने में कामयाबी पाई।
राजस्थान, अंबिकापुर और रायपुर से पकड़े गए आरोपी
इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को राजस्थान, रायपुर और अंबिकापुर से गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ आरोपी पहले भी आपराधिक वारदातों में शामिल रह चुके हैं। पुलिस के अनुसार, घटना में दो आरोपी अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है।
लूट से ज्यादा रकम की बरामदगी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एफआईआर में दर्ज चार लाख रुपये की तुलना में पुलिस ने इस मामले में 15 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह रकम अन्य वारदातों से जुड़ी हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
पुलिस की इस कार्रवाई को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सीमावर्ती इलाकों में दबिश देना, ब्लैकआउट जैसी जटिल परिस्थितियों में भी सूचनाओं को खंगालना और आखिरकार लुटेरों को गिरफ्तार करना, रायपुर पुलिस की सजगता और कुशलता का परिचायक है।