CG POLITICS : सिंहदेव का फिर छलका दर्द : निकाय चुनाव से ठीक पहले दिया बड़ा बयान, कहा….सरकार होने के बाद भी निगम को नही मिल सका ज्यादा फंड, चुनाव में हार की बतायी ये बड़ी वजह

अंबिकापुर 10 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। पार्टी के नेता जहां एक तरफ एकजुटता की राग अलाप रहे है। वहीं दूसरी तरफ पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव ने निकाय चुनाव से ठीक पहले बड़ा बयान देकर राजनीति गरमा दी है। सिंहदेव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कांग्रेस सरकार में अंबिकापुर नगर निगम को कम पैसे मिले। यहीं वजह है कि निगम क्षेत्र में विकास कार्य अच्छे से नही हो पाया, जिसके कारण नगर निगम इलाके से कांग्रेस पिछड़ गई और उन्हे हार का सामना करना पड़ा। सिंहदेव ने बताया कि अंबिकापुर महापौर का पहला कार्यकाल अच्छा था, इसलिए दूसरे कार्यकाल में जीत मिली।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में एक बार फिर पक्ष और विपक्ष निकाय चुनाव की तैयारी में जुट गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 15 जनवरी के बाद कभी भी प्रदेश में आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में पार्टी के बड़े नेता महापौर और अध्यक्ष पदों के साथ ही पार्षदों की टिकट को लेकर मंथन करने लगे है। बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के नेता एक बार फिर एकजुट होकर चुनाव लड़ने का दावा कर रहे है। लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा दिखता नही है। कुर्सी की लड़ाई में राजनेता गुटो में बंटे नजर आ रहे है। इसी बीच अंबिकापुर से पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस.सिंहदेव का बयान सामने आया है। सिंहदेव ने एक बार फिर भूपेश बघेल की सरकार में निगम को फंड देने में बेरूखी की बात कही है।

चर्चा में सिंहदेव ने बताया कि कांग्रेस सरकार होने के बाद भी अंबिकापुर नगर निगम को उतना फंड नही मिल सका, जितनी उसे मिलनी चाहिए थी। उन्होने कहा कि और हो सकता था….सरकार के तरफ से इस निगम को और आर्थिक सहयोग मिल सकता था। वो गलती सरकार की ज्यादा है, निगम की कम है। हम लोगों की कमी ज्यादा है, जिसका भुगतान मुझे नगर निगम में पीछे रहकर विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा। जिसका हिसाब-किताब पूरा हो चुका है। सिंहदेव ने आगे कहा कि विष्णुदेव सरकार का एक साल पूरा हो गया है। लेकिन इस एक साल में भी कोई खास काम नही किया है, जिसकी जनता स्वस्थ और निष्पक्ष आंकलन करेगी।

कांग्रेस के कार्यकाल में  महापौर का ग्राफ गिरा…..

सिंहदेव ने अंबिकापुर महापौर डॉ. अजय तिर्की के दूसरे कार्यकाल को 10 में से 6.5 अंक दिया है। जबकि पहले कार्यकाल को उन्होने 7 नंबर दिया हैं। टीएस ने साफ कहा कि बीजेपी की सरकार के बावजूद अंबिकापुर नगर निगम का पहला कार्यकाल अच्छा था। महापौर के पहले कार्यकाल में वर्ष 2014 से 2019 में काम अच्छा था। जिस कारण उन्हें दोबारा मौका मिला। लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी अंबिकापुर नगर निगम को फंड के मामले में पीछे रहना पड़ा। जिसका खामियाजा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उठाना पड़ा।

इस कारण कई काम नहीं हुए। खासकर सड़कों का काम नहीं हो पाया। शहर की प्रमुख सड़कें एनएच और पीडब्लूडी की हैं। लेकिन इन्हें भी नगर निगम का मान लिया जाता है। जो निगम की सड़कें थीं, उनका काम नहीं हो पाया।बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव में बीजेपी को टक्कर दे पायेगी ? या फिर पुरानी खींचतान और अंतर्कलह एक बार फिर कांग्रेस को हासिये पर ले जायेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

 

Related Articles