CG- दो शिक्षिका सस्पेंड: 5वीं परीक्षा में मुन्नाभाई प्रकरण आया सामने, जांच रिपोर्ट पर प्रधान पाठिका व शिक्षिका सस्पेंड

Teacher Suspend : अब तक प्रतियोगी परीक्षा या उच्च स्तरीय परीक्षाओं में ही मुन्नाभाई की शिकायत आती थी, लेकिन स्कूली परीक्षाओं में भी अब फर्जीवाड़ा होने लगा है। इस मामले में दो महिला शिक्षिका का सस्पेंड कर दिया गया है। मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले का है, जहां राजपुर विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला उधेनूपारा में कक्षा 5वीं की परीक्षा में एक छात्रा के स्थान पर किसी अन्य को परीक्षा में बैठाने का मामला सामने आया है।

जांच में दोषी पाए जाने पर विद्यालय की प्रधान पाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि  कक्षा 5वीं की परीक्षा में एक छात्रा के स्थान पर किसी अन्य छात्रा को परीक्षा दिलाए जाने की सूचना प्राप्त होने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा त्वरित जांच की गई।

संयुक्त जांच समिति की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से पाया गया कि विद्यालय की प्रधान पाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षिका नीलू केरकेट्टा ने कक्षा 5वीं में किसी अन्य छात्रा को वास्तविक छात्रा की जगह परीक्षा में बैठाया। यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-03 का स्पष्ट उल्लंघन माना गया है।

शासकीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और अनुशासनहीनता को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी डी. एन. मिश्रा ने दोनों शिक्षिकाओं को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 (1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।निलंबन अवधि के दौरान प्रमिला तिग्गा एवं नीलू केरकेट्टा का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, शंकरगढ़ नियत किया गया है। इस अवधि में दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।

यह मामला न केवल शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की परीक्षा प्रणाली में किस तरह की अनियमितताएँ मौजूद हैं। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त निगरानी और सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है।

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