CGPSC TOPPER STOTY: मंथरा और शकुनी में क्या अंतर था? जवाब देकर PSC की टॉपर बनी ये बिटिया, पापा की दी एक बुकलेट ने इंजीनियर से डिप्टी कलेक्टर तक पहुंचाया
Mrinmayee Shukla CGPSC Topper: इंजीनियरिंग की पढ़ाई तक तो सिविल सर्विस के बारे में जानती भी नहीं थी। सोचा बस यही था कि टेक्निकल जॉब के लिए अप्लाई करूंगी। पापा CSEB में थे, तो मन भी यही था कि इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के तौर पर अगर CSEB में ही हो जाये, तो अच्छा रहेगा। पर 2015 में पापा से मिली एक बुकलेट ने बिटिया की जिंदगी की राह ही बदल दी। इंजीनियर बनने की तरफ बढ़े कदम, उसी बुकलेट ने सिविल सर्विस की तरफ ऐसे मोड़े, कि फिर मंजिल पर जाकर ही थमे। मुझे याद है, पापा ने मुझे टूटेजा की एक बुकलेट दी थी, कहा, चाहो तो इसमें भी ट्राई कर सकती हो। बुकलेट के साथ पापा ने PSC की वैकेंसी की डिटेल भी भेजी थी। बुकलेट पढ़ना शुरू किया, तो लगा ये तो आसान है, कर सकती हूं। बस वहीं से जो आत्मविश्वास आया, वो आज भी बना हुआ है। डिप्टी कलेक्टर बनना था, सोच रखा था, तो बस उसी सपने को सच करने में लगी रही। आज मेरा सपना सच हुआ।
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8 साल की लगन…5 बार PSC का इम्तिहान और हर बार सेलेक्ट…यूं तो आपने भी टॉपर की कई कहानियां सुनी होगी, मैंने भी बहुत सारे टॉपर्स के इंटरव्यू लिये होंगे, लेकिन आज जिस टॉपर्स की हम बात करने जा रहे हैं, उसकी कहानी वाकई में अद्भूत है। ऐसा शायद ही कोई अभ्यर्थी रहा हो, जिसने जो भी PSC का इम्तिहान दिया, उस सब में वो सेलेक्ट हुआ हो। लेकिन, मृणमयी ने ये चमत्कार कर दिखाया। साल बदलते रहे और बदलते साल के साथ PSC में रैंक भी बदलता गया, लेकिन मृणमयी का ना तो लक्ष्य बदला और ना हौसला टूटा। एक बार, दो बार नहीं, पूरे पांच-पांच बार PSC क्रैक कर चमत्कार करने वाली बिटिया का पूरा नाम है मृणमयी शुक्ला। बिलासपुर की इस प्रतिभावान बिटिया ने CGPSC 2023 में ओवरऑल सेकंड और लड़कियों में टॉप किया है। nwnews24.com से बात करते हुए मृणमयी कहती है कि 8 साल का इंतजार थोड़ा लंबा हो गया, लेकिन अल्टीमेटली आप अपने गोल को एचिव करते हो, तो इससे खुशी की बात कुछ और नहीं हो सकती।
जगदलपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
मृणमयी कहती है कि वो स्कूल में पढ़ने में अच्छी थी। 90 परसेंट के आसपास उनका रिजल्ट रहता था। हालांकि ये कहना कि मैंने बचपन में ही सिविल सर्विस में जाने का सोच लिया था, ऐसा कुछ भी नहीं था। मैं तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई तक जानती भी नहीं थी कि सिविल सर्विस क्या होता है। उसकी तैयारी कैसी होती है, क्या-क्या बुक पढ़ना होता है, सिलेबस क्या होता है। बस 2015 में पापा ने टूटेजा की बुकलेट भेजी थी। उसे पढ़ा, तो इंटरेस्ट आ गया, फिर सिविल सर्विस की तरफ मुड़ गयी। वरना, आज कहीं इंजीनियर होती। वैसे भी पहले सोच रखा था कि टेक्निकल फील्ड की तरफ जाऊंगी। पापा भी CSEB में हैं, अगर सीएसईबी में ही सेलेक्शन हो गया, तो बेहतर होगा, लेकिन लगता था जिंदगी कहीं और ले जाना चाह रही थी। वही हुआ, आज मैं डिप्टी कलेक्टर के लिए सेलेक्ट हुई हूं।
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5 बार PSC दी, हर बार हुई सेलेक्ट
मृणमयी 2016 से पीएससी की तैयारी कर रही है। इस आठ साल में मृणमयी ने 5बार PSC का इम्तिहान दिया और हर बार सेलेक्ट हुई। मृणमयी शुक्ला कहती है, 2016 मेरा पहला अटेम्पट था, मैं पहले ही प्रयास में अधीनस्थ लेखा सेवा के लिए चयनित हुई। 2017 में दूसरी बार परीक्षा दी, उस दौरान मेरा चयन नायब तहसीलदार के लिए हुआ, डीएसपी के लिए वेटिंग था, लेकिन क्लियर नहीं हुआ। 2018 में तीसरी बार परीक्षा दी और अकाउंट अफसर के लिए सेलेक्ट हुई। 2019 और 2020 में उन्होंने परीक्षा नहीं दी। फिर 2021 में चौथी बार परीक्षा दी और डीएसपी के लिए सेलेक्ट हुई और फिर 2023 में पांचवी बार परीक्षा दी और सेकंड टॉपर के साथ ही डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया।
ड्यूटी और सोशल लाइफ के साथ की तैयारी
मृणमयी से ये पूछे जाने पर की टॉपर तो 15-20 घंटे पढ़ते हैं। आपने तैयारी में क्या-क्या सेक्रिफाई किया, कितने घंटे पढ़ाई की। मृणमयी का जवाब काफी दिलचस्प था, उनका कहना है कि उन्होंने जिंदगी के हर लम्हे को इंजॉय करते हुए तैयारी की। घंटे कभी नहीं गिने, बस जब भी मौका मिला, पढ़ाई की। सुबह उठकर पढ़ लिया, ड्यूटी से लौटकर पढ़ाई की, कहीं सफर में रही, तो उस दौरान भी पढ़ाई की। मैंने सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया, सोशल गेदरिंग में भी शामिल हुई। बस मेंस के वक्त में थोड़ा फोकस ज्यादा पढ़ाई पर रहता था। 2017 की मेंस तो मैंने बस 6 दिन की तैयारी में दी थी। 2023 की मेंस के लिए मैंने 15-20 दिन की छुट्टी ली थी। मेरा मानना भी यही है कि तैयारी के लिए जरूरी नहीं कि आप अनसोशल हो जाये, हर पहलू के साथ भी अच्छी तैयारी कर सकते हैं।
मंथरा और शकुनी में क्या अंतर था? मृणमयी का अर्थ क्या होता है?
मृणमयी अपने इंटरव्यू का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहती है कि उनका इंटरव्यू उनके नाम के साथ हुआ। पैनल ने उनसे पूछा, कि मृणमयी नाम बहुत अच्छा है, इसका अर्थ क्या होता है? जैसे ही जवाब में उन्होंने बताया कि मृणमयी का अर्थ होता है मिट्टी से बना…तो पैनल ने यही से सवाल की शुरुआत कर दी। छत्तीसगढ़ में मिट्टी कितने प्रकार की है। कौन-कौन सी मिट्टी है। इसके अलावा गौतम बुद्ध के बारे में पूछा गया। लेकिन सबसे इंटरेस्टिंग सवाल जो था, वो था मंथरा और शकुनी में क्या अंतर है। मृणमयी ने जवाब में बताया कि मंथरा ने जो कुछ किया, उन्हें अपने किये पर पछतावा बाद में हुआ, लेकिन इससे उलट शकुनी को कभी भी अपने किये पर पछतावा नहीं था। वो कपट के साथ पूरे सत्ता को छिन्न-भिन्न करने पर आखिरी तक उतारू था। मृणमयी कहती है कि भले ये जवाब पूरी तरह सटीक ना भी रहा हो, लेकिन मुझे ये अनुभव हुआ कि उनके जवाब में बोर्ड मेंबर काफी हद तक संतुष्ट हैं।