डिप्टी रेंजर की गयी जान: भालू के हमले से हुए थे घायल, अस्पताल से छुट्टी के बाद लौटे घर, लेकिन अचानक गिरने से …

Forest Department : भालू के हमले में घायल हुए डिप्टी रेंजर की जान चली गयी। मंगलवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी थी, वो अचानक से गिर पड़े थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी जान चली गयी। आपको बता दें कि कांकेर भानुप्रतापपुर इलाके के डोंगरकट्ट्टा गांव में डेढ़ महीने पहले भालू ने बड़ा हमला किया था।

इस हमले में पिता पुत्र की भालू ने जान ले ली थी, जबकि इस हमले में डिप्टी रेंजर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें गंभीर हालत में रायपुर में भर्ती कराया गया था। इलाज से वो पूरी तरह ठीक हो गये थे, उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी मिल गयी थी, लेकिन अब घटना के 38 दिन बाद उनकी जान चली गयी। बुधवार को गृहग्राम मोगरा गहन हल्बा में विभाग ने सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।


26 फरवरी को उनके गृह्याम मोंगरागहन में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए। आपको बता दें कि डोंगरकट्टा के जंगल में 18 जनवरी को भालू ने युवक पर हमला कर  मार दिया था। शव लेने पहुंचे उसके पिता पर भी भालू ने हमला कर था।

यही नहीं ड्यूटी में मौजूद डिप्टी रेंजर नारायण यादव पर भी भालू ने हमला किया था। इस हमले में वो गंभीर रूप से घायल हो गये थे। उन्हें गंभीर स्थिति में रायपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वस्थ्य होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी थी। अपने घर में मोगरा गहन में वो करीब 10 दिन से रह रहे थे। इसी दौरान अचानक से वो एक दिन बाथरूम में गिर गए। उन्हें चारामा अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

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