DPI ने क्रमोन्नति के अभ्यावेदन को कर दिया अमान्य, हाईकोर्ट के फैसले के बाद दिये अभ्यावेदन पर कंडिका 3 और 4 का दिया हवाला..
Teacher News: शिक्षकों के क्रमोन्नति को लेकर इन दिनों मुद्दा गरमाया हुआ है। हाईकोर्ट से एक महिला शिक्षिका को लेकर आये फैसले और एरियर्स की राशि को लेकर दिये निर्देश के बाद प्रदेश एक लाख से ज्यादा शिक्षकों की बांछे खिल गयी है। लिहाजा विभाग में अभ्यावेदन के साथ-साथ हाईकोर्ट में याचिका लगाने तक की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि इस बीच कांकेर से एक आदेश सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। कांकेर डीईओ ने बिलासपुर हाईकोर्ट के दिये निर्देश को आधार बनाकर क्रमोन्नति के किये आवेदन को अमान्य कर दिया है। आदेश 02/09/2024,पंचायत और शिक्षा विभाग मिलाकर, 10 वर्ष की सेवा वाले मामले में व्याख्याता लोगों को अमान्य कर दिया है।
दरअसल क्रमोन्नति को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर दिये निर्देश के आधार पर कमलेश कुमार बंजारे, सुनील कुमार गावड़े, अशोक कुमार मरकाम , आशा कुजूर, सहदेव राम नाग, सियाराम ध्रुव, राजेश कुमार ध्रुव, बिरझ राम कांगे, टिकेलाल सिदार, जीवनलाल बघेल ने हाईकोर्ट में पारित आदेश के आधार पर 5 दिसंबर 2023 को डीपीआई में अभ्यावेदन लगाकर भुगतान की मांग की थी। डीपीआई ने इस मामले में अभ्यावेदन का निराकरण करते हुए कहा है कि संबंधित व्याख्याता की नियुक्ति 28 फरवरी 2013 में हुई थी। जिनका संविलियन 1 नवंरब 2020 से किया गया। इनकी नियुक्ति 28 फरवरी 2023 को पूर्ण हुआ, पदोन्नति नहीं लेते हुए संबंधित व्याख्याता ने क्रमोन्नति की मांग की है।
डीपीआई ने कहा के संविलियन की कंडिका 3 और 4 में कहा गया है कि
3/ 1 जुलाई 2018 को 8 वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूर्ण हो चुकी है कि सेवाओं को 1 जुलाई 2018 से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाता है।
4./ शिक्षक एलबी संवर्ग को देय समस्त लाभ के लिए सेवा की गणना संविलियन दिनांक 1 जुलाई 2018 से की जायेगी।
शासन नियम से स्पष्ट है कि शिक्षक एलबी संवर्ग के सेवाकाल की गणना लंविलियन दिनांक से किया जाना है, संबंधित शिक्षकों के द्वारा व्याख्याता पंचायत पद पर नियुक्ति दिनांक से सेवाकाल की गणना कल क्रमोन्नति व समयमान वेतनमान की मांग की गयी है, जो नियमानुसार नहीं है। इसलिए अभ्यावेदन को अमान्य किया जाता है।