CG- कुशाभाऊ यूनिवर्सिटी में कुलपति चयन विवादों में, कुलपति की योग्यता की शर्तों पर डॉ गुप्ता ने उठाये सवाल, राज्यपाल को पत्र

रायपुर 28 फरवरी 2025। छत्तीसगढ़ की कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति विवादों में घिर गया है। डॉ राकेश गुप्ता ने कुलपति चयन की शर्तों पर आपत्ति जताते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया है, जिसमें ये कहा गया है कि कुलपति की नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अहर्ताएं तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रख-रखाव हेतु उपाय) संबंधी विनियम 2018 का पालन किया जाना आवश्यक है।
डॉ गुप्ता का कहना है कि इस निर्णय में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य अधिनियम में अन्य प्रावधान होने पर भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का यह विनियम बाध्यकारी होगा l लेकिन कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति चयन में इन शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है।
पढ़िये डॉ राकेश गुप्ता का पूरा पत्र
प्रति,
महामहिम राज्यपाल महोदय एवं,
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति जी
राजभवन, रायपुर छत्तीसगढ़।
माननीय महोदय,
विषय : कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति पद की योग्यता में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2018 की अवहेलना करते हुए विज्ञापन निकाले जाने के सम्बन्ध में
सन्दर्भ – (1) राजपाल के सचिवालय, द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति पद हेतु आवेदन सम्बन्धी सूचना क्रमांक Advt. No. 1-9/2024/RS/U-7 दिनांक 21/2/2024
(2) माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा Gambhirdan K Gadhvi v/s The State of Gujarat & Ors. Write Petition (Civil) No. 1525 Of 2019 में दिया गया निर्णय ।
माननीय महोदय,
1. उपरोक्त विषय में मैं आपका ध्यान आकर्षित कराते हुए निवेदन करता हूँ कि माननीय उच्चतम न्यायालय में विषयांतर्गत प्रकरण में निर्णय दिया है कि कुलपति की नियुक्ति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अहर्ताएं तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रख-रखाव हेतु उपाय) संबंधी विनियम 2018 का पालन किया जाना आवश्यक है। इस निर्णय यह भी स्पष्ट किया गया है कि राज्य अधिनियम में अन्य प्रावधान होने पर भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का यह विनियम बाध्यकारी होगा l
2. संदर्भ (1) में दिए गये विज्ञापन से स्पष्ट होता है कि यह विज्ञापन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2018 के प्रावधानों के विपरीत है l
3. ऐसी परिस्थिति में युक्त विज्ञापन उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरुद्ध होने के कारण विधि सम्मत नहीं कहा जा सकता. इस विज्ञापन के तहत प्रक्रिया जारी रखने से भविष्य में विधिक विवाद ( letigation) उत्पन्न होने की संभावना हैl
4. सुलभ सन्दर्भ के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति संलग्न है l
अतः अनुरोध है कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति की पात्रता के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सन्दर्भ (1) मे जारी किए गए विज्ञापन को निरस्त किए जाने तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विनियम 2018 के प्रावधान अनुसार संशोधित विज्ञापन जारी करने का निर्देश देने कृपा करें।
आपके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए आभार सहित।
भवदीय
डॉ. राकेश गुप्ता
एम. डी. (ई. एन. टी.)