पूर्व IAS डॉ संजय अलंग देंगे JNU में व्याख्यान, 10 से अधिक शोध पुस्तकें हो चुकी है प्रकाशित

रायपुर 23 फरवरी 2025। पूर्व IAS डॉ. संजय अलंग जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय नई दिल्ली में व्याख्यान देने वाले हैं। इसी महीने के आखिरी सप्ताह में ये व्याख्यान JNU में होना है। पूर्व IAS डॉ अलंग की छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर दस से अधिक शोध पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है।

हाल के दिनों में इन बड़े मंचों पर दिया है व्याख्यान

वे छत्तीसगढ़ से संबंधित विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यान देने हेतु बड़े मंचों पर बुलाए जाते रहे हैं। डॉ संजय अलंग ने हाल में अरुणाचल प्रदेश साहित्य महोत्सव, ईटानगर, विश्व पुस्तक मेला, नई दिल्ली, आज तक साहित्य महोत्सव, नई दिल्ली, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU),वाराणसी, रायपुर साहित्य महोत्सव आदि स्थानों पर भी छत्तीसगढ़ पर विशेषज्ञ व्याख्यान और कविता पाठ कर चुके हैं।

इसी महीने JNU में देंगे व्याख्यान

डॉ संजय अलंग इतिहास, संस्कृति और जनजातीय विषयों पर शोध करने के अलावा, इन विषयों को स्पष्ट करने के लिए व्याख्यान देते रहते है। वे इस हेतु कई राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर बुलाए जाते हैं। इस बार उनका व्याख्यान JNU में है। पूर्व में वे BHU में भी व्याख्यान दे चुके हैं।

डॉक्टर संजय अलंग द्वारा लिखी गई शोध पुस्तक छत्तीसगढ़ : इतिहास और संस्कृति को सर्वश्रेष्ठ शोध शिक्षा लेखन हेतु भारत सरकार का सर्वोच्च सम्मान एक लाख रुपए के साथ प्रदान किया गया था।

डॉ संजय अलंग की लिखी छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमींदारियां, छत्तीसगढ़ की जनजातीयां और जातियाँ सहित दस से अधिक पुस्तकें हैं। उन्हें शोध के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

संजय अलंग के तीन कविता संग्रह- शव, पगडंडी छिप गई थी (छत्तीसगढ़ पर एकाग्र) और नदी उसी तरह सुन्दर थी जैसे कोई बाघ- हिन्दी में और एक कविता संग्रह- मउहा कान म बोलय बांस – छत्तीसगढ़ी में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें कविताओं के लिए भी कई सम्मान मिल चुके हैं।

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