गंगा दशहरा 2025: 5 जून को मनाया जाएगा पुण्यदायी पर्व, जानें तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली। 5 जून 2025, गुरुवार को गंगा दशहरा का पावन पर्व देशभर में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व ज्येष्ठ मास की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जब मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस दिन को विशेष रूप से पापनाशिनी गंगा के दर्शन, स्नान, दान और पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
गंगा दशहरा 2025 की तिथि और मुहूर्त
पर्व तिथि: 5 जून 2025, गुरुवार
दशमी तिथि आरंभ: 4 जून 2025, रात 11:15 बजे
दशमी तिथि समाप्त: 5 जून 2025, रात 09:45 बजे
पुण्यकाल स्नान और पूजन का समय: 5 जून को सूर्योदय से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक सबसे शुभ माना गया है।
गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व
गंगा दशहरा को ‘दश पापों के नाश’ का पर्व कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा जल में स्नान करने से व्यक्ति के दस प्रकार के पाप – तीन शारीरिक, चार वाचिक और तीन मानसिक – नष्ट हो जाते हैं। यह दिन केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक शुद्धिकरण का भी प्रतीक है।
गंगा दशहरा की पूजा विधि
प्रातःकाल उठकर स्नान करें, गंगाजल को स्नान जल में मिलाएं।
गंगाजी की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर रखें।
धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, फल, मिठाई आदि से मां गंगा का पूजन करें।
“ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में करें।
जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, जलपात्र और छाता दान करें।
ज्योतिषीय योग और राशियों पर प्रभाव
इस वर्ष गंगा दशहरा पर गजकेसरी योग, अमला योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं।
इन योगों का विशेष फल वृषभ, मिथुन, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों को मिलेगा। आर्थिक लाभ, सामाजिक मान-सम्मान और मानसिक शांति के योग बन रहे हैं।
गंगा दशहरा पर करें ये खास उपाय
घर के मंदिर या तुलसी के पास गंगाजल से दीपक जलाएं।
गंगाजल को पीने के पानी में मिलाकर पूरे परिवार को दें, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
“ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलस्मिन्सन्निधिं कुरु॥”
इस मंत्र का 108 बार जाप करें।