स्टील उद्योगों को सरकार देती है 713 करोड़ की बड़ी छूट, उद्योगपतियों का बंपर बिजली बिल की बढोत्तरी का दावा गलत, 8 साल में सिर्फ 35 पैसा ही बढ़ा ऊर्जा प्रभार

रायपुर 30 जुलाई 2024। छत्तीसगढ़ में उद्योगों को जितनी सहूलियत और सुविधाएं दी जाती है, उतनी शायद देश के किसी भी राज्य में नहीं दी जाती। सिर्फ बिजली बिल की बात करें तो राज्य सरकार स्टील उद्योगों को 713 करोड़ रुपये की छूट दे रही है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने हर वर्ग के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए पुनरीक्षित विद्युत दर घोषित की है, उनमें खपत के आधार पर ऊर्जा प्रभार में की गई वृद्धि के बावजूद टैरिफ में लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट के द्वारा 713 करोड़ रूपये की छूट उच्चदाब स्टील उद्योगों को दी जा रही है। यह छूट अन्य किसी भी वर्ग के उपभोक्ता को नहीं मिलती है।

नियामक आयोग द्वारा लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकतम छूट (पॉवर फैक्टर इन्सेन्टिव) को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है। उल्लेखनीय है कि लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट को अज्ञात कारणों से, आश्चर्यजनक रूप से बढाया गया था। इस परिस्थिति में भी छत्तीसगढ़ में उच्चदाब स्टील उद्योगों को विकसित सामाजिक-आर्थिक भौगोलिक अद्योसरचना वाले ताप विद्युत उत्पादक अन्य राज्यों की तुलना में काफी रियायती दरों पर ही विद्युत आपूर्ति की जा रही है। नियामक आयोग ने इस छूट को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया है जो वर्ष 2021-22 के पूर्व 8 प्रतिशत थी इस तरह वर्तमान छूट भी 2 प्रतिशत अधिक ही रखी गई है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकृत सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा 01 जून 2024 को वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत आपूर्ति की नये दरों की घोषणा की गई है। जिसमे उच्चदाब स्टील उद्योगों के प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार में मात्र 25 पैसे (4.10 प्रतिशत) की वृद्धि कर 1 जून 2024 से प्रति यूनिट ऊर्जा प्रभार 635 रुपये निर्धारित किया गया है एवं लोड फैक्टर पर मिलने वाली अधिकत्तम छूट को 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है, जो 4 वर्ष पूर्व अचानक, आश्चर्यजनक तथा अज्ञात कारणों से 8 प्रतिशत से बढ़ा कर 25 प्रतिशत कर दी गई थी।

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नियामक आयोग द्वारा छूट की दर 10 प्रतिशत करने की कार्यवाही इसलिए की गई ताकि अन्य श्रेणी के तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से प्राथमिकता वाले विद्युत उपभोक्ताओं पर कम भार पड़े। पूर्व में वर्ष 2021-22 में टैरिफ आदेश जारी करते समय लोड फैक्टर छूट, अधिकतम 8 प्रतिशत सेबढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि पॉवर कंपनी द्वारा इस प्रकार का कोई भी प्रस्ताव नियामक आयोग को नहीं भेजा गया था। आयोग द्वारा विगत वर्षों की वास्तविक खपत को आधार मानते हुए, उच्चदाब स्टील उद्योगों की इस वर्ष की अनुमानित खपत 11.237 मिलियन यूनिट का आकलन किया है। इस खपत के आधार पर ऊर्जा प्रभार में की गई वृद्धि के बावजूद भी टैरिफ में लोड फैक्टर पर मिलने वाले छूट के द्वारा रू. 713 करोड़ की छूट टैरिफ के माध्यम से स्टील उद्योगों को प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त उच्चतम दाब की अवधि, जो कि प्रतिदिन पहले 6 घंटे थी, उसको भी टैरिफ में 8 घंटे कर दिया गया है, जिसमें स्टील उद्योगों को 80 प्रतिशत ही बिलिग होगी।

स्टील उद्योगों के टैरिफ का विगत वर्ष 2017-18 से तुलना करते है तो मांग प्रभार में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। ऊर्जा प्रभार के दर में भी 6 रूपये प्रति यूनिट से बढ़कर 8.35 रूपये प्रति यूनिट की गई है, जो कि मात्र 35 पैसे प्रति यूनिट (5.83 प्रतिशत) की वृद्धि विगत सात वर्षों में हुई है। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ में जब यह राशि मात्र 635 रूपये है तब महाराष्ट्र में 8.36 रूपये, तेलगाना में 8.10 रूपये तथा मध्यप्रदेश में 7.15 रूपये है। छत्तीसगढ़ में विगत वर्षों में एचवी 4 स्टील उद्योग के ऊर्जा प्रभार में हुई वृद्धि इस प्रकार है जो कि इन वर्षों में विभिन्न क्षेत्रो में बढी महगाई दर की तुलना में बहुत कम है –

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वर्ष ऊर्जा           प्रभार (रु प्रति यूनिट)

  • 2017-18           6.00
  • 2018-19           5.85
  • 2019-20           5.85
  • 2020-21           5.85
  • 2021-22           5.95
  • 2022-23           6.10
  • 2023-24           6.10
  • 2024-25           6.35
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