“स्नातकोत्तर नहीं, स्नातक ही प्रमोशन के लिए जरूरी अहर्ता” हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, विषय आधारित पदोन्नति निरस्त कर स्नातक उत्तीर्ण की पदोन्नति की मांग

Teacher Promotion News: लंबे समय से संस्कृत विषय में प्रमोशन का इंतजार कर रहे शिक्षकों का इंतजार अब जल्द खत्म हो सकता है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब संस्कृत विषय के शिक्षकों के प्रमोशन में आयी सारी अड़चने दूर हो गयी है। लिहाजा विभाग प्रक्रिया के शुरु होने का शिक्षक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक संस्कृत विषय में यूडीटी प्रमोशन को लेकर अहर्ता स्नातक के साथ-साथ स्नातकोत्तर रख दिया गया था। जबकि अन्य विषयों में ऐसी शर्त नहीं थी। स्नातकोत्तर भी अहर्ता सिर्फ सीधी भर्ती के लिए होती थी, लेकिन 2019 के संशोधन में वो भी समाप्त हो गया है। लेकिन प्रमोशन में इस अहर्ता को लेकर याचिका दायर की गयी। कोर्ट ने अब शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाया है।

जानकारी के मुताबिक शिक्षक (संस्कृत) के पद पर छ०म० स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक एवं प्रसासनिक संवर्ग) में भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 के परिशिष्ट-1 के आधार पर स्नातकोत्तर संस्कृत को योग्यता मानकर पदोन्नति कार्यवाही की जा रही थी।  जिसे लेकर याचिका दायर की गयी, हाईकोर्ट के डबल बैंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक एवं प्रसासनिक संवर्ग) में भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2019 की धारा 14 एवं 15 और अनुसूची -4 (सरल कमांक 17) के अनुसार शिक्षक पद पदोन्नति के लिए केवल स्नातक एवं 5 वर्ष का अनुभव आवश्यक है। इसमें अन्य किसी प्रकार का विषय बाध्यता नहीं है।

न्यायालय ने राज्य शासन के जवाब के आधार पर निर्णित किया है कि परिशिष्ट – जिसमें विषय दिया गया है वह केवल सीधी भर्ती के लिए है। इस प्रकार स्नातक एवं प्रशिक्षित सहायक शिक्षक जो 5 साल का अनुभव रखते है वह पदोन्नति का पात्र है। स्नातकोत्तर की योग्यता जो परिशिष्ट- 1 में है वह केवल सीधी भर्ती के लिए है, न कि पदोन्नति के लिए। उच्च न्यायालय की निर्णय की कंडिका 10 एवं 11 के सबंध में उल्लेखनीय है।राज्य शासन ने भी अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि पदोन्नति के लिए के 5 वर्ष का अनुभव और स्तानक आवश्यक है। परिशिष्ट 1 जिसमें शैक्षणिक योग्यता दिया गया है वह केवल सीधी भर्ती के लिए धारा 8 के तहत् है।

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जाहिर है उच्च न्यायालय के निर्णय के मुताबिक 2019 के सेवा मर्ती नियम के आधार पर विषय आधारित सभी पदोन्नति नियम विरूद्ध है। स्नातकोत्तर संस्कृत जो परिशिष्ट 1 में दिया गया है वह केवल सीधी भर्ती के लिए है। पूर्व में की गयी विषय आधारित पदोन्नति निरस्त कर केवल स्नातक उत्तीर्ण सहायक शिक्षक जो 5 वर्ष अनुभव रखते है उन्हें वरिष्ठता के आधार पर नियम 2019 के तहत् पूर्व में किये गये पदोन्नति तिथि से पदोन्नति देने की मांग उठने लगी है।

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