जीएसटी विभाग की बड़ी कार्रवाई: दो व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर जांच, करोड़ों की कर चोरी उजागर

अंबिकापुर, 31 मई 2025। स्टेट जीएसटी विभाग, अंबिकापुर द्वारा दो व्यापारिक प्रतिष्ठानों—मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन और मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स—पर कर चोरी के आरोप में कार्रवाई की गई। जांच के दौरान करोड़ों के टर्नओवर पर नगण्य कर भुगतान और बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला उजागर हुआ। विभाग ने मौके पर कर अपवंचन की पुष्टि के बाद दस्तावेज तलब करते हुए आगे की कार्यवाही जारी रखी है।

— कर चोरी की रोकथाम और कर प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर ने दो प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई 29 मई 2025 से 31 मई 2025 के बीच की गई जिसमें मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन एवं मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स के व्यवसायिक स्थलों की जांच की गई।

मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन पर कार्रवाई:

दिनांक 29 मई 2025 को बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन के विरुद्ध की गई जांच में भारत सरकार के जीएसटी पोर्टल पर दर्ज रिस्क स्कोर 10 पाया गया, जो गंभीर कर अपवंचन की ओर संकेत करता है। जांच टीम जब मौके पर पहुँची तो व्यवसाय स्थल पर लेखा पुस्तकों या रेकॉर्ड संधारण का कोई सॉफ्टवेयर नहीं मिला

  • वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक का कुल टर्नओवर ₹158 करोड़ से अधिक पाया गया।

  • परंतु, इस अवधि में नगद कर भुगतान शून्य किया गया है।

  • वर्ष 2023-24 में ₹29.50 करोड़ की खरीदी दिखी गई, जबकि सिर्फ ₹50 लाख की बिक्री दर्ज की गई।

जांच के अनुसार, सामान आम उपभोक्ताओं को बेचा गया लेकिन बिलिंग अन्य व्यापारियों के नाम से की गई जिससे बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया गया। इससे केंद्र और राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि हुई।

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व्यवसायी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ₹40 लाख का स्वैच्छिक कर भुगतान करने की इच्छा जताई, परंतु अब तक कोई लेखा-पुस्तक या आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए हैं

मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स पर कार्रवाई:

दिनांक 30 एवं 31 मई 2025 को लक्ष्मी ट्रेडर्स के विरुद्ध जांच की गई। यहां भी बड़े पैमाने पर कर अपवंचन की बात सामने आई।

  • वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल टर्नओवर ₹96 करोड़ से अधिक रहा।

  • लेकिन इस पर कर का नगद भुगतान बेहद नगण्य किया गया।

  • वर्ष 2023-24 में ₹11 करोड़ की खरीदी और केवल ₹7 करोड़ की आपूर्ति दर्शाई गई।

जांच के दौरान व्यापारिक प्रतिष्ठान के संचालक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए ₹17.55 लाख कर का भुगतान स्वैच्छिक रूप से किया। यह प्रतिष्ठान अब तक किसी कर चोरी के मामले में जांच के दायरे में नहीं आया था।स्टेट जीएसटी विभाग ने स्पष्ट किया है कि कर अपवंचन करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे अपने खातों और रिटर्न में पारदर्शिता रखें और जीएसटी नियमों का पूर्ण पालन करें।

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