हाईकोर्ट: डीएलएड अभ्यर्थियों को सात दिन के भीतर दें नियुक्ति, लेट लतीफी पर हाईकोर्ट ने जतायी नाराजगी, कहा, सिर्फ टालने…
Highcourt News: डीएलएड डिप्लोमा धारकों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने का सख्त आदेश हाईकोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने इस सात दिन के भीतर कार्रवाई करने को कहा है। जस्टिस अरविंद वर्मा की बेंच ने राज्य शासन से कहा है कि सात दिनों के भीतर डीएलएड डिप्लोमा धारकों की चयन सूची जारी करें। आपको बता दें कि इस मामले में अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डीएलएड डिप्लोमा धारकों की मेरिट के आधार पर सूची बनाने और जारी करने की जिम्मेदारी व्यापम को दी गई है। व्यापम की ओर से इस संबंध में विलंब किया जा रहा है। जिसके बाद कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पूरे मामले में जानबुझकर न्यायालय का समय बर्बाद किया जा रहा है।
कोर्ट ने राज्य शासन को अंतिम अवसर देते हुए सात दिनों के भीतर मेरिट के आधार पर डीएलएड अभ्यर्थियों की सूची जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि दरअसल, डीएलएड डिप्लोमा धारकों ने हाईकोर्ट में चौथी बार अवमानना याचिका लगाई है। जिस पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा, कि सुप्रीम कोर्ट और उसके बाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य सरकार आदेश का परिपालन करने के बजाय लगातार अवहेलना कर रही है।
अवमानना याचिका की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर उनकी बातें सुनी थी। विभागीय अधिकारियों के जवाब सुनने के बाद कोर्ट ने 21 दिनों के भीतर प्राइमरी स्कूलों में नौकरी कर रहे बीएड डिग्रीधारकों को बाहर निकालने और उनकी जगह मेरिट के आधार पर डीएलएड डिप्लोमा धारकों को नियुक्ति देने के लिए सूची जारी करने कहा था।
लेकिन राज्य सरकार ने कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद डिप्लोमा धारकों ने न्यायालीयन आदेश की अवहलेना का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। अब मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।