छत्तीसगढ़ में प्रतियोगी परीक्षा में अब देना होगा आवेदन शुल्क, कैबिनेट का बड़ा फैसला, जानिये पैसा वापस पाने के लिए अभ्यर्थियों क्या करना होगा

रायपुर 17 अप्रैल 2025। अब प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क देना होगा। राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार के फैसले को पलट दिया है। हालांकि ये फैसला परीक्षार्थियों के हित में है। क्योंकि बाद में परीक्षा शुल्क अभ्यर्थियों को वापस मिल जायेगा। दरअसल विष्णुदेव साय कैबिनेट ने आज एक अहम फैसला लिया है। फैसले में ये कहा गया है कि वैसे युवा, जो छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे, उन्हें अब परीक्षा शुल्क देनी होगी।
लेकिन छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे, उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी। सरकार का ये मानना है कि इससे सिरियस केन्डीडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सिरियस केन्डीडेट और इनइलिजिबल केन्डीडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे। इस कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।
सरकार को क्यों लेना पड़ा ये फैसला
दरअसल भूपेश बघेल सरकार जब से इस बात की घोषणा की थी, कि स्थानीय अभ्यर्थियों को अब किसी तरह का परीक्षा शुल्क नहीं लगेगा, तभी से अचानक से आवेदनों की संख्या में कई गुणा वृद्धि हो गयी थी। वैसे अभ्यर्थी भी थे, जो मस्ती मजाक में फार्म भर देते थे या फिर योग्यता नहीं रखने पर भी आवेदन कर देते थे। इससे आवेदनों की संख्या में बेहिसाब वृद्धि हो जाती थी, लेकिन जब परीक्षा की बारी आती थी, तो उपस्थिति 40 से 50 फीसदी की ही होती थी। इसकी वजह से ना सिर्फ परीक्षा एजेंसियों को आर्थिक नुकसान भी होता था, बल्कि मैन पावर की भी दिक्कत आती थी।
परीक्षा शुल्क होगा वापस
ऐसे में आप नॉन सीरियस कंडिडेट को रोकने और उपयुक्त परीक्षार्थियों को मानसिक दवाब से मुक्त करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत परीक्षा या साक्षात्कार में जब अभ्यर्थी शामिल होंगे, तो उसके बाद उन्हें परीक्षा शुल्क वापस कर दिया जायेगा। इससे वैसे अभ्यर्थी तनाव मुक्त होकर परीक्षा दे सकेंगे, जो आवेदन की संख्या देखकर तनाव में आ जाया करते थे।