“संघ के ‘विकास वर्ग’ में गूंजा राष्ट्रभक्ति का स्वर, दीपक विस्पुते बोले, समृद्ध भारत बनाने में अपना योगदान करें

बिलासपुर, 7 जून 2025।कोनी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-प्रथम (सामान्य) – मध्य क्षेत्र’ का समापन समारोह उत्साह, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक समर्पण की भावना के साथ सम्पन्न हुआ।

इस 20 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मध्य क्षेत्र के 308 स्थानों से आए कुल 382 स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें कृषक, विद्यार्थी, व्यवसायी, कर्मचारी, चिकित्सक, अभियंता, अधिवक्ता और प्राध्यापक जैसे विविध क्षेत्रों के प्रतिभागी शामिल थे।

वर्ग कार्यवाह ने प्रस्तुत किया प्रतिवेदन

कार्यक्रम में वर्ग कार्यवाह विक्रम सिंह  ने प्रशिक्षकों और अधिकारियों का परिचय कराते हुए वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वर्ग में 58 शिक्षक और 13 पालक कार्यकर्ता पूर्णकालिक रूप से उपस्थित रहे।प्रशिक्षण दिनचर्या सुबह 4:15 बजे जागरण से लेकर रात 10:15 बजे विश्राम तक चलता था, जिसमें शारीरिक, बौद्धिक, श्रम-साधना तथा सेवा कार्यों पर आधारित विभिन्न सत्रों का संचालन हुआ।

मुख्य वक्ता दीपक विस्पुते  का संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-बौद्धिक प्रमुख श्री दीपक विस्पुते जी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कहा:

“प्राचीन भारत कभी श्रेष्ठ भारत था, लेकिन हजार वर्षों की गुलामी ने समाज को आत्महीन बना दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीते 100 वर्षों से इस समाज को जाग्रत करने, अनुशासन और संगठन की भावना जगाने के कार्य में संलग्न है।”

उन्होंने संघ के ‘पंच परिवर्तन’ कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी भी दी और 2047 तक भारत को विश्व नेतृत्व की ओर अग्रसर करने का आह्वान किया।

मुख्य अतिथि डॉ. उग्रसेन कन्नौजे का संबोधन

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समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए लोकनाचा राष्ट्रीय रासधारी (रहस) के डॉ. उग्रसेन कन्नौजे जी ने कहा:

“संघ का यह कार्यक्रम मेरे जीवन का ऐतिहासिक क्षण है। देश और समाज की सेवा के लिए ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण ही भारत को सशक्त बनाएगा।”

प्रदर्शनों और प्रदर्शनी से झलकी सामाजिक चेतना

समापन समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा घोष, समता, नियुद्ध, पदविन्यास, दंड संचालन और राष्ट्रभक्ति गीत का मनोहारी प्रदर्शन किया गया।पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर पौधारोपण, प्लास्टिक बोतलों से उपयोगी वस्तुएं और इको वृक्ष, सीड बॉल निर्माण जैसी गतिविधियों ने शिविर को सामाजिक जागरूकता से जोड़ा।साथ ही सेवा, स्वावलंबन, प्रचार और संविधान ज्ञान पर आधारित प्रदर्शनियां शिक्षार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहीं।

युवाओं की भागीदारी बनी वर्ग की विशेषता

इस बार वर्ग में 226 युवा (30 वर्ष से कम आयु) शामिल रहे, जिन्होंने समाज में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया। यह दर्शाता है कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवा पीढ़ी तैयार और प्रतिबद्ध है।

वर्ग का समापन और आभार प्रदर्शन

समापन अवसर पर गणपति रायल  ने सभी अतिथियों, शिक्षकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। समापन में एकल गीत, अमृत वचन और सामूहिक राष्ट्रभक्ति गीत ने वातावरण को भावविभोर कर दिया।यह प्रशिक्षण वर्ग न केवल राष्ट्रभक्ति की भावना को जाग्रत करने वाला रहा, बल्कि समाज सेवा, अनुशासन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मूल्यों को भी गहराई से आत्मसात कराने का माध्यम बना।

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