छत्तीसगढ़ में पहली फॉरेनर एक्ट के तहत मामला दर्ज, चोरी की घटना को अंजाम देने वाले 2 बांग्लादेशी सहित अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर गिरफ्तार

महासमुंद, छत्तीसगढ़ – राज्य में पहली बार विदेशियों विषयक अधिनियम (फॉरेनर एक्ट) के तहत मामला दर्ज करते हुए महासमुंद पुलिस ने बांग्लादेशी चोर गिरोह और अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। यह गिरोह चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के साथ ही मानव तस्करी में भी संलिप्त था।
गिरफ्तारी और आरोपियों की पहचान
महासमुंद जिले के थाना सांकरा, बसना और सरायपाली क्षेत्र में चोरी की नौ घटनाओं को अंजाम देने वाले दो बांग्लादेशी नागरिकों सहित एक अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी मिलन मंडल और सह-आरोपी मोहम्मद शफीक शेख उर्फ बाबू शेख, जो बांग्लादेश के पार्वतीपुर जिला दिनाजपुर, राज्य रंगपुर के निवासी हैं, को हिरासत में लिया गया है।
इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल, जो पश्चिम बंगाल का निवासी है और चोरी का सामान खरीदने वाला जयदेव करमाकर, जो पश्चिम बंगाल का ही रहने वाला है, को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
चोरी की घटनाओं को अंजाम देने का तरीका
आरोपी चोरी की घटनाओं को अंजाम देने के लिए बर्तन बेचने के बहाने सुनसान घरों की रेकी करते थे। इसके बाद, जब मकान खाली मिलता, तो यह गिरोह चोरी को अंजाम देता। इस गिरोह के मुख्य आरोपी मिलन मंडल ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाए थे।
लंबे समय से चल रही थी अवैध गतिविधियां
जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी मिलन मंडल वर्ष 2003 से लगातार 10 बार बांग्लादेश से भारत आ चुका है। वह पश्चिम बंगाल निवासी अंतर्राष्ट्रीय मानव तस्कर अफसर मंडल के जरिए अवैध रूप से भारत आया था।
अफसर मंडल लंबे समय से अवैध तरीके से लोगों को बांग्लादेश से भारत और भारत से बांग्लादेश भेजने का कार्य करता था। इसके अलावा, वह चोरी से प्राप्त राशि और कीमती सामानों को हवाला के माध्यम से बांग्लादेश भेजता था।
पुलिस ने बड़ी मात्रा में चोरी का माल किया जब्त
महासमुंद पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में चोरी का सामान बरामद किया है। जब्त किए गए सामानों की सूची इस प्रकार है:
- हीरा, सोना-चांदी के आभूषण: ₹58,52,000/- (अठावन लाख बावन हजार रुपए)
- नगदी रकम: ₹7,000/-
- चोरी में प्रयुक्त मोटरसाइकिल: ₹46,000/-
कुल जब्त किया गया मशरूका (चोरी का सामान) ₹59,05,000/- (उनसठ लाख पांच हजार रुपए) का है।
पूर्व में भी रहे हैं अपराधी रिकॉर्ड
मुख्य आरोपी मिलन मंडल का पूर्व में भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। वह जिला रायगढ़ में चोरी के एक प्रकरण में जेल जा चुका है। पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह अन्य राज्यों में भी इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
महासमुंद पुलिस इस पूरे गिरोह की गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी आरोपी सामने आ सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
यह सफलता छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह पहली बार है जब राज्य में फॉरेनर एक्ट के तहत किसी गिरोह पर कार्रवाई की गई है।