गर्मी में बेहिसाब Sweat’आना कहीं बीमारी का संकेत तो नहीं? जानें कारण और बचाव के तरीके

नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में पसीना आना आम बात है, लेकिन यदि बिना वजह अत्यधिक पसीना आए तो यह स्वास्थ्य के लिहाज से चेतावनी भी हो सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पसीना आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य शरीर के तापमान को नियंत्रित करना है। मगर जब यह जरूरत से ज्यादा होने लगे तो इसके पीछे छुपे कारणों को समझना जरूरी हो जाता है।
गर्मी में बेहिसाब पसीना आना कहीं बीमारी का संकेत तो नहीं?

क्या है सामान्य पसीना?
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर से प्रतिदिन औसतन 500 मिलीलीटर तक पसीना निकलता है। जब शरीर का तापमान सामान्य यानी 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो स्वेट ग्लैंड सक्रिय होकर शरीर को ठंडा करने लगते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें बिना किसी भारी शारीरिक गतिविधि या गर्मी के भी बहुत ज्यादा पसीना आता है।
ज्यादा पसीने के ये हो सकते हैं कारण:
हाइपरहाइड्रोसिस – यह एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें व्यक्ति को सामान्य से कई गुना ज्यादा पसीना आता है, चाहे तापमान सामान्य हो या ठंडा।
थायराइड की समस्या – हाइपरथायरॉइडिज्म में मेटाबॉलिज्म तेज हो जाता है, जिससे शरीर गर्म रहता है और पसीना अधिक आता है।
तनाव और चिंता – मानसिक तनाव या घबराहट की स्थिति में शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में पसीना आने लगता है।
मधुमेह (डायबिटीज) – ब्लड शुगर का स्तर गिरने पर शरीर अधिक पसीना छोड़ता है।
हार्मोनल बदलाव – महिलाओं में रजोनिवृत्ति (Menopause) या पीरियड्स के समय हार्मोनल बदलाव से पसीना आ सकता है।
कुछ दवाइयों का असर – एंटीबायोटिक या मानसिक रोगों की दवाएं भी पसीने की मात्रा को प्रभावित कर सकती हैं।
कब दिखाएं डॉक्टर को?
अगर पसीने के साथ सिर चकराना, हाथ-पांव ठंडे पड़ना, दिल की धड़कन तेज होना या अचानक कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही यदि पसीना सिर्फ शरीर के किसी एक हिस्से में आ रहा है या रात को नींद में अधिक पसीना आता है, तो यह गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
क्या है समाधान?
डाइट पर ध्यान दें, मसालेदार और गरम चीजें कम खाएं।
दिन में खूब पानी पिएं।
कैफीन और शराब से परहेज करें।
कॉटन के हल्के कपड़े पहनें।
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें।