नई दिल्ली 17 नवंबर 2021। प्रदूषण की वजह से दिल्ली की हालत इतनी बदतर हो गयी है कि लॉकडाउन की स्थिति बन गयी है। स्कूल-कालेजों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गयाहै, वहीं दफ्तरों को भी वर्क फ्राम होम के मोड पर काम करने का निर्देश दिया है। 21 नवंबर तक राजधानी में इंट्री पर रोक लगा दी गयी है। वहीं भवन निर्माण और तोड़फोड़ पर भी रोक लगा दी गयी है।
मंगलवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान के साथ CAQM ने बैठक की थी, जिसमें इस बात का निर्णय लिया गया है कि 21 नवंबर तक दिल्ली-NCR में 50 फीसदी स्टाफ के साथ दफ्तरों में काम किया जायेगा, बाकी स्टाफ वर्क फ्राम होम करेंगे। ये नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों दफ्तरों केलिए लागू होगा।
डीजल जेनरेटरों यानी डिजी सेट्स के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है. सथ ही इलाके के 11 थर्मल पावर प्लांट यानी कोयले से बिजली उत्पादन करने वाले कारखानों में से केवल 5 को चलाने की इजाजत दी गई है. आयोग ने कहा कि एनसीआर में गैस क्षमता वाले सभी उद्योग इसी पर अपना परिचालन करें, ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए. किसी भी उद्योग को अस्वीकृत ईंधन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी. अगर कोई उद्योग ऐसा करता पाया गया तो उसे तुरंत बंद करा दिया जाएगा. दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल पावर प्लांट में से पांच का ही संचालन किया जाएगा. एनटीपीसी, झज्जर, महात्मा गांधी टीपीएस जैसे पांच कोयला बिजली संयंत्रों के परिचालन की इजाजत दी गई है.
आयोग के समक्ष भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले दिनों में एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में ही रहने का अनुमान है. आने वाले दिनों में भी इसमें सुधार की कोई संभावना नहीं दिख रही है.